हादसे के बाद वाहनों को हटाती पुलिस।
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ट्रांसपोर्टनगर में शनिवार शाम बारिश के दौरान शहीद पथ किनारे स्थित एक इमारत (हरमिलाप टावर) भरभराकर जमींदोज हो गया। हादसे में एक कारोबारी समेत छह की मौत हो गई। मलबे में दबे 25 लोगों को निकालकर अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनका इलाज जारी है। मलबे में अभी कई और लोगों के दबे होने की आशंका है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, दमकल और पुलिस की टीमें राहत-बचाव कार्य में देर रात तक जुटी रहीं।
हादसे के बाद लोकबंधु अस्पताल की इमरजेंसी में हादसे में जख्मी लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हुआ तो वहां पर अफरातफरी मच गई। इमरजेंसी में बेड कम पड़ गए थे। ऐसी दशा में दूसरे वार्ड में मरीजों को भर्ती किया गया। अस्पताल में हर तरफ चीख पुकार मची थी। करीब एक घंटे तक इमरजेंसी में दूसरे मरीजों को इलाज बाधित रहा। सभी डॉक्टर व स्टॉफ घायलों के इलाज में जुटे रहे। वहीं सॉयरन बजाती हुई एंबुलेंस एक-एक करके मरीजों को अंदर ला रही थी। जिन्हें स्टॉफ जरिए गेट पर रिसीव किया जा रहा था।
लोकबंधु अस्पताल में हादसे में जख्मी लोगों को इलाज मुहैया कराने के लिए आर्थोपैडिक, सर्जन, तीन इमरजेंसी मेडिकल अफसर, दस रेजीडेंट समेत करीब 40 लोगों का स्टॉफ इमरजेंसी में मौजूद रहा। पहला मरीज करीब पौने छह बजे एंबुलेंस लेकर पहुंची थी। आनन फानन में उसे एंबुलेंस से उतारकर इमरजेंसी अंदर लाया गया। सिर-हाथ व पैर में चोट होने से डॉक्टरों ने इलाज मुहैया कराया। इसके बाद एंबुलेंस का आना सिलसिला शुरू हुआ। एक घंटे के अंदर सभी जख्मी इमरजेंसी में पहुंचे तो वहां पर बेड कम पड़ गए। डाॅक्टरों ने वार्ड खुलवाया। जिसके बाद वहां पर घायलों को भर्ती किया गया।
अस्पताल में भगदड़ जैसे थे हालत
हादसे में जख्मी लोगों की तलाश में उनके परिजन इमरजेंसी पहुंचना शुरू हुए। इससे इमरजेंसी में पैर रखने तक की जगह नहीं बची। पूरे अस्पताल में भारी भीड़ उमड़ी थी। अपनों की तलाश में परिजन दौड़ते-भागते इमरजेंसी पहुंचे। वहां पर अपनों को जीवित देखकर उनके आंखू से आंसू निकल रहे थे।