{“_id”:”66e1a36dfa7e923f9c02899d”,”slug”:”haryana-assembly-dissolution-and-constitutional-crisis-reason-news-in-hindi-2024-09-11″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Haryana Polls: तय समय से 52 दिन पहले भंग हुई हरियाणा विधानसभा; सैनी सरकार को क्यों करनी पड़ी इसकी सिफारिश?”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
Haryana: हरियाणा विधानसभा की अंतिम बैठक 13 मार्च को हुई थी और 12 सितंबर से पहले सत्र बुलाने की जरूरत थी। अब विधानसभा भंग करने से नायब सिंह सैनी सरकार के लिए संवैधानिक संकट टल गया है। विस्तार से समझें कि हरियाणा में संवैधानिक संकट पर क्या और क्यों हुआ?
Haryana Polls – फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
हरियाणा सरकार की सिफारिश के बाद राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने गुरुवार को 14वीं विधानसभा भंग कर दी। विधानसभा सचिवालय की ओर से इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई। अब सीएम नायब सिंह सैनी अगली सरकार का गठन होने तक कार्यवाहक सीएम के तौर पर काम करेंगे। वे कोई नीतिगत फैसले नहीं ले पाएंगे। हालांकि, आपातकालीन स्थिति में वह फैसले लेने के लिए अधिकृत होंगे। नायब सैनी सरकार का कार्यकाल तीन नवंबर तक था। इस लिहाज से करीब 52 दिन पहले विधानसभा भंग की गई है।
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आइये जानते हैं कि चुनाव से पहले हरियाणा में क्या हो रहा है? विधानसभा भंग करने की बात क्यों आई? इसके पीछे कौन सा संवैधानिक संकट है?