सांकेतिक तस्वीर।
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विस्तार
त्योहारी सीजन शुरू होने के बीच एक अक्तूबर से टैक्स, बीमा, निवेश, बचत योजनाओं में कई नियम बदलने वाले हैं। ये बदलाव आप पर सीधा असर डालेंगे। ये बदलाव हैं…
लघु बचत की ब्याज दरें बदलेंगी
लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में संशोधन होगा। बदलाव एक अक्तूबर से दिसंबर तक के लिए लागू होगा। ब्याज दरें घटाने का जो चक्र शुरू हुआ है, ऐसे में इन पर भी दरें कम हो सकती हैं। इससे आपकी बचत पर असर होगा।
विवाद से विश्वास योजना फिर से
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) विवाद से विश्वास योजना फिर शुरू करेगा। इससे कर विवादों का समाधान, मुकदमेबाजी और संबंधित लागत को कम करने में मदद मिलेगी। योजना 31 दिसंबर तक चलेगी।
जीवन बीमा पॉलिसी के पैसे पर कम टैक्स
धारा 194डीए : जीवन बीमा पॉलिसी की परिपक्वता या किसी आकस्मिकता पर मिलने वाली रकम पर अब 2% टीडीएस कटेगा। पहले यह 5% था।
पॉलिसी सरेंडर पर ज्यादा मूल्य
पॉलिसी सरेंडर करने पर अब ज्यादा पैसा वापस मिलेगा, भले ही पहले वर्ष के बाद ही सरेंडर हो। पहले इसमें कोई पैसा नहीं मिलता था।
किराये पर टीडीएस 5 से घटकर 2 फीसदी हुआ
धारा 194आईबी : कुछ व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार अगर मासिक 50,000 रुपये किराया देते हैं, तो अब इस पर मकान मालिक को टीडीएस दो फीसदी ही काटना होगा। पहले यह पांच फीसदी था। इससे मकान मालिक को अब ज्यादा पैसा मिलेगा।
अचल संपत्ति पर 1% टीडीएस
धारा 194आईए : अचल संपत्ति की कीमत या स्टांप शुल्क का मूल्य अगर 50 लाख रुपये या इससे ज्यादा है, तो उस पर 1% टीडीएस कटेगा। भले ही इसे 10 लोग मिलकर खरीदें या एक व्यक्ति।
ई-कॉमर्स पर सामान बेचने पर राहत
धारा 194ओ : अब ई-कॉमर्स कंपनियों को केवल 0.01% टैक्स काटना होगा, जो पहले एक फीसदी था। विक्रेताओं पर वित्तीय बोझ कम होगा।
खुदरा कर्जदारों को ज्यादा स्पष्टता
आरबीआई के नए नियम के तहत, बैंकों व एनबीएफसी को कर्ज देते समय सभी चीजें कर्जदार की भाषा में आसान तरीके से बतानी होंगी। इसमें कर्ज की लागत, ब्याज, शर्तें व अन्य शुल्कों शामिल हैं। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी।
बीमा में बीमारी की प्रतीक्षा अवधि घटी
स्वास्थ्य बीमा लेने पर अब अधिकतम प्रतीक्षा अवधि तीन साल होगी। पहले चार साल थी। पुरानी पॉलिसी के नवीनीकरण के समय भी यह लागू होगा। एंडोमेंट पॉलिसी में पहले निकलने पर ज्यादा भुगतान भी मिलेगा।
बायबैक : अब निवेशकों को देना होगा टैक्स
शेयर बायबैक में अब निवेशकों को 20% टैक्स देना होगा। पहले इसे कंपनियां देती थीं और निवेशक की आय करमुक्त होती थी। बायबैक आय को अब लाभांश माना जाएगा।
बोनस इश्यू रिकॉर्ड तारीख से दो दिन में उपलब्ध होगा
सेबी के नए नियमों के मुताबिक, बोनस इश्यू रिकॉर्ड तारीख से दो दिन बाद कारोबार के लिए उपलब्ध होंगे। अभी दो सप्ताह लगते हैं।