एएमयू गुलिस्ता ए सैय्यद पार्क में सर सैय्यद डे को लेकर तैयार मंच
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के संस्थापक सर सैयद अहमद की जयंती आज एएमयू में मनाई जा रही है। जयंती को एएमयू समेत दुनिया भर में रह रहे यहां के पूर्व विद्यार्थी भी सर सैयद डे रूप में मना रहे हैं। गुलिस्तान-ए-सैयद सजकर तैयार हो गया है। मुख्य अतिथि फिल्म अभिनेता मुजफ्फर व कुलपति प्रो. नईमा खातून विक्टोरियन युग के घोड़ा गाड़ी पर सवार होकर गुलिस्तान-ए-सैयद पहुंचेंगी।
समारोह में विशिष्ट अतिथि कानून मंत्रालय की सचिव रहीं स्नेहलता श्रीवास्तव, रेलवे बोर्ड की चेयरपर्सन रहीं जया वर्मा सिन्हा, दिल्ली के विशेष आयुक्त (यातायात) अजय चौधरी होंगे। 17 अक्टूबर की सुबह 11 बजे गुलिस्तान-ए-सैयद में कार्यक्रम शुरू होगा। दोपहर 12 बजे अतिथियों का संबोधन होगा। एक बजे राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न होगा। इससे पहले सुबह 6 बजे जामा मस्जिद में कुरानख्वानी होगी। सात बजे सर सैयद की मजार पर चादरपोशी होगी। सुबह 9:30 बजे सर सैयद हाउस में सर सैयद पर आधारित पुस्तक का विमोचन होगा। 16 अक्टूबर देर रात तक तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।
एएमयू ने भारत समेत कई देशों को दिए राष्ट्राध्यक्ष
एएमयू ने भारत समेत कई देशों को राष्ट्राध्यक्ष दिए हैं। यूनिवर्सिटी में पढ़े विद्यार्थी देश के सर्वोच्च पदों पर भी आसीन हुए। देश का हर बड़ा पुरस्कार भी अपने नाम किया है। यूनिवर्सिटी के 104 साल के इतिहास में दो भारत रत्न व छह पद्म विभूषण पुरस्कार यहां पढ़े विद्यार्थियों को मिले हैं। एएमयू की 53 विभूतियों का पद्मश्री से भी सम्मान किया जा चुका है। भारत के तीसरे राष्ट्रपति डॉ जाकिर हुसैन और खान अब्दुल गफ्फार खान को भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है, जो यहीं के छात्र थे। एएमयू से पढ़े हामिद अली अंसारी देश के उप राष्ट्रपति रहे। पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान भी यहीं पढ़े थे। पूर्व क्रिकेटर लाला अमरनाथ, भारतीय हॉकी टीम के कप्तान पद्मश्री डॉ. जफर इकबाल, शायर कैफी आजमी, राही मासूम रजा, अली सरदार जाफरी, असरारुल हक मजाज, शकील बदायूंनी, शहरयार, जावेद अख्तर, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, इतिहासकार प्रो. इरफान हबीब यहां पढ़े हैं। ब्यूरो
छह बार बदली एएमयू के लोगो की डिजाइन
एएमयू के लोगो की डिजाइन 74 साल में छह बार बदली है। सर सैयद अहमद खान ने 1875 में मदरसातुल उलूम और वर्ष 1877 में उसे मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज (एमएओ) बना दिया। इसी साल कॉलेज के लोगो की डिजाइन की गई थी। लोगो में खजूर का पेड़, चांद और महारानी विक्टोरिया का ताज शामिल था। वर्ष 1920 में कॉलेज, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बन गया। लोगो में कॉलेज की जगह एएमयू कर दिया गया। खजूर के पेड़ में 10 पत्ते थे।
एएमयू के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी डॉ. राहत अबरार ने बताया कि 1947 में देश आजाद हो गया। वर्ष 1951 में फिर लोगो में तब्दीली की गई। इस बार महारानी विक्टोरिया के ताज की जगह किताब को स्थान दिया गया। लोगो में खजूर के पेड़ में 9 पत्तों के साथ दो तारे हैं। लोगो में कुरान की आयत सूरह-अलख भी है, जो सूरह इल्म भी कहलाता है। 1932, 1936 व 1940 में भी लोगो का स्वरूप बदला गया।