मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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मेडिकल कॉलेजों में नियमित प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों की नियुक्ति के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिए हैं। इसके बाद प्रधानाचार्यों की नियुक्ति सहित 18 परियोजनाओं पर विभाग के प्रमुख सचिव ने अलग-अलग अफसरों की जिम्मेदारी तय की है। उन्होंने निरंतर समीक्षा करते हुए इन कार्यों को जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों के मुताबिक सीएम की नाराजगी के बाद विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है। सभी मेडिकल कॉलेजों में नियमित प्रधानाचार्य की नियुक्ति जल्द करने के लिए सचिव व चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक (डीजीएमई) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। एम्स नई दिल्ली के सेटेलाइट सेंटर के लिए गाजियाबाद में भूमि तलाशने, बलरामपुर में स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय को केजीएमयू के सपोर्ट से अगले सत्र में संचालित करने, मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी भी डीजीएमई को सौंपी गई है।
इस तरह सौंपी गई जिम्मेदारी
– विषय विशेषज्ञ सुपर स्पेशियलिटी डॉक्टर और चिकित्सा शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चयन बोर्ड का गठन करने, निजी अस्पतालों के पंजीयन की व्यवस्था की जिम्मेदारी सचिव व चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक को।
– मेडिकल कॉलेजों में भी जिला अस्पतालों के अनुसार रोगी कल्याण समितियों के गठन व उच्च चिकित्सा संस्थानों में टाटा ट्रस्ट की तरह राजस्व शेयरिंग मॉडल बनाने की जिम्मेदारी सचिव स्वास्थ्य को।
– 108 व 102 एंबुलेंस संचालन और वाराणसी के कबीर चौराहा अस्पताल के स्थान पर नया अस्पताल बनाने की केंद्र से स्वीकृति एनएचएम की एमडी को।
– 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी साचीज की सीईओ को।
– पीपीपी मॉडल पर सीटी स्कैन व एमआरआई की सुविधा देने के लिए डीजीएमई व डीजी स्वास्थ्य व अन्य अधिकारियों को।
– चिकित्सा संस्थानों की ओटी की व्यवस्था दुरुस्त करने की जिम्मेदारी डीजीएमई को।
-ब्लड कंपोनेंट यूनिट, हापुड़ व शामली में ब्लड बैंक की स्थापना की जिम्मेदारी स्वास्थ्य महानिदेशक को।
– एसजीपीजीआई में पीपीपी मॉडल पर नई मशीन लगाने की जिम्मेदारी संस्थान निदेशक को।
13 में से 9 राजकीय कॉलेज कार्यवाहकों के भरोसे
मेडिकल कॉलेजों में प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों की कमी है। प्रदेश में 13 राजकीय मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें लोक सेवा आयोग से चयनित प्रधानाचार्य तैनात करने का नियम है, लेकिन सिर्फ चार राजकीय मेडिकल कॉलजों में ही नियमित प्रधानाचार्यों की तैनाती है। इसमें जीएसवीएम कॉलेज कानपुर में डॉ. संजय काला, मेरठ में डॉ. आरसी गुप्ता, सहारनपुर में डॉ. सुधीर राठी और जालौन में डॉ. अरविंद कार्यरत हैं। बाकी नौ राजकीय मेडिकल कॉलेज कार्यवाहक प्रधानाचार्य के भरोसे हैं।