{“_id”:”6725bb8b1b8f267bb40412d1″,”slug”:”pollution-increased-due-to-fireworks-in-aligarh-2024-11-02″,”type”:”feature-story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Diwali: आतिशबाजी से बढ़ा प्रदूषण, खतरनाक स्तर पर पहुंची हवा, यहां दिखा सबसे अधिक असर”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
मघाट रोड पर सर्वाधिक रहा और यहां इसका स्तर 319.66 माइक्रो ग्राम प्रतिमीटर क्यू मापा गया है। शहर में यह 320.6 रहा है। आवासीय क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण 70 से 90 डेसीबल तक मापा गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स व पीएम -10 (पार्टिकुलेट मेटर ) बेहद घातक स्थिति में जा पहुंचा है
दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट के पटाखों पर प्रतिबंध 31 अक्तूबर व 1 नवंबर को शहर में बेअसर दिखे। इस दौरान करीब 150 करोड़ रुपये के पटाखे जिले में छोड़े गए। इससे शहर में वायु और ध्वनि प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। डेजी एनवायरमेंटल टेस्टिंग लैब (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड की गुणवत्ता प्रबंधक डॉ. शकुन सिंह ने बताया कि दिवाली पर हुई आतिशबाजी के चलते पीएम -10 ( पार्टीकुलेट मैटर ) आसमान में बेहद घातक स्तर पर पहुंच गया है।
रामघाट रोड पर सर्वाधिक रहा और यहां इसका स्तर 319.66 माइक्रो ग्राम प्रतिमीटर क्यू मापा गया है। शहर में यह 320.6 रहा है। आवासीय क्षेत्र में ध्वनि प्रदूषण 70 से 90 डेसीबल तक मापा गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स व पीएम -10 (पार्टिकुलेट मेटर ) बेहद घातक स्थिति में जा पहुंचा है। इसमें नाइट्रोजन डाईऑक्साइड एवं सल्फर डाई ऑक्साइड और कार्बन मोनो ऑक्साइड उत्सर्जन कई गुना तक बढ़ गया है। शुक्रवार सुबह भी आसमान में धुंध छाई रही। इससे सांस रोगियों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा। मलखान सिंह जिला अस्पताल और दीन दयाल संयुक्त चिकित्सालय में ही करीब 200 मरीज सांस संबंधित रोगों के पहुंचे हैं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार प्रदूषण अगले दो-तीन दिन तक वातावरण को प्रभावित करेगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से वायु एवं ध्वनि प्रदूषण की निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि एयर क्वालिटी इंडेक्स का सामान्य मापक 100 माइक्रो ग्राम प्रति क्यू है। उन्होंने बताया कि शहर के आवासीय क्षेत्र ज्ञान सरोवर, एएमयू समेत कई स्थानों पर पीएम -10 को मापने के लिए मैन्युअल सैंपलर मशीन से सैंपल कराया जा रहा है। इसकी 02 नवंबर तक मॉनीटरिंग की जा रही है। उन्होंने बताया कि आतिशबाजी के धुएं के साथ हवा में पटाखों का बारूद घुलने से लोगों को सांस तक लेने में दिक्कत हुई। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण के आंकड़े दिवाली की रात में रिकार्ड किए गए हैं। हालांकि पिछले साल की दिवाली इस बार प्रदूषण का स्तर कुछ कम रहा है।