विदेश मंत्री एस जयशंकर
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर आजकल ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर हैं। उन्होंने यहां ‘रायसीना डाउन अंडर’ कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान विदेश मंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से लेकर भारतीय विदेश नीति के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा कि कुछ हद तकलोग उम्मीदवारों, उनके विचारों और प्राथमिकताओं के बीच अंतर करेंगे। अमेरिका अपनी वैश्विक प्रतिबद्धताओं के बारे में बहुत अधिक सतर्क हो गया है।
‘अमेरिका अपनी वैश्विक प्रतिबद्धताओं के बारे में बहुत अधिक सतर्क’
जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों पर कहा, ‘कुछ हद तक, यह स्वाभाविक है कि लोग उम्मीदवारों, उनके विचारों और प्राथमिकताओं के बीच अंतर करेंगे। मगर हम अगर पीछे मुड़कर देखें तो पता चलता है कि शायद ओबामा के समय से शुरू हुआ है कि अमेरिका अपनी वैश्विक प्रतिबद्धताओं के बारे में बहुत अधिक सतर्क हो गया। राष्ट्रपति ट्रंप इस संबंध में अधिक स्पष्ट और अभिव्यक्त हो सकते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि आखिरकार यह राष्ट्रपति बाइडन ही थे, जिन्होंने अफगानिस्तान से वापसी की और यह राष्ट्रपति ओबामा ही थे, जिन्होंने कहा था कि वे भविष्य के किसी भी संघर्ष में अमेरिकी सैनिकों को भेजने के बारे में बहुत सतर्क रहेंगे। यह भी महत्वपूर्ण है कि हम केवल तत्कालीन प्रशासन की विचारधारा के बजाय राष्ट्रीय स्तर पर भी देखें। अमेरिका में संसाधनों पर दबाव है। हम सभी को निष्कर्ष निकालना होगा। हमें अपने पसंदीदा परिणाम को पेश करने के बजाय उनका विश्लेषण करना चाहिए।’
भारत की विदेश नीति के लिए वैश्विक कार्यस्थल की तैयारी करना हमारी प्राथमिकता: विदेश मंत्री
उन्होंने आगे कहा, ‘भारत की विदेश नीति के लिए, वैश्विक कार्यस्थल की तैयारी करना हमारी शीर्ष तीन प्राथमिकताओं में से एक होगी और यह आसान नहीं है। दुनिया की वास्तविकता यह है कि मानव संसाधन बहुत असमान हैं। हमें संसाधनों को साझा पूल के रूप में देखना होगा और हम इन संसाधनों को कैसे बेहतर तरीके से तैयार कर सकते हैं ताकि वे दुनिया के लिए उपलब्ध हों। यदि आप प्रौद्योगिकी संचालित दुनिया चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि आपके पास शिक्षा-संचालित विश्व हो और यदि आप शिक्षा-संचालित दुनिया बनाने जा रहे हैं, तो यह राष्ट्रीय स्तर पर नहीं किया जा सकता है। हम चाहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड भी भारत आएं।
जयशंकर ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बनीज से मुलाकात की
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की। बैठक के दौरान, जयशंकर ने अल्बनीज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं भी दीं।
बता दें, मंत्री तीन से सात नवंबर तक ऑस्ट्रेलिया की आधिकारिक यात्रा पर हैं। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘आज कैनबरा में प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से मुलाकात करते हुए खुशी हुई। पीएम मोदी की ओर से हार्दिक बधाई दी। भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के लिए उनके मार्गदर्शन की सराहना करता हूं।’
इससे पहले जयशंकर ने लिबरल पार्टी ऑफ ऑस्ट्रेलिया के नेता पीटर डटन से मुलाकात की। डटन से मुलाकात के बाद जयशंकर ने कहा, ‘वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा किए और हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए उनके समर्थन की सराहना करता हूं।’
उन्होंने कैनबरा में न्यूजीलैंड के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि शिक्षा, प्रौद्योगिकी, कृषि, प्रौद्योगिकी और लोगों से लोगों के संबंधों पर चर्चा की। हिंद-प्रशांत और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। जयशंकर ने यूएई के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से भी मुलाकात की।