Chhath Puja 2024 Live: कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला आस्था का महापर्व छठ 7 नवंबर 2024 को है. इसके बाद छठ पर्व चार दिनों तक चलते हुए खरना, संध्या अर्घ्य, उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ 8 नवम्बर को समापन होगा.
इसकी शुरुआत चतुर्थी तिथि को नहाय खाय के साथ होती है. दूसरे दिन खरना किया जाता है. तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य की पूजा की जाती है. छठ पूजा में व्रती संतान की खुशहाली, लंबी आयु और सुख-सौभाग्य के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत करते हैं.
छठ पर्व का इतिहास
महाभारत और रामायण काल से छठ पर्व का इतिहास जुड़ा है. कथा के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी. इसके अलावा द्वापर युग में द्रौपदी ने भी अपने पतियों की रक्षा और खोया हुआ राजपाट वापस पाने के लिए षष्ठी का व्रत रखा था.
छठ पूजा का महत्व
छठ व्रत माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना से रखती हैं. वहीं ये व्रत संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाओं के लिए भी खास माना जाता है. इस पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की अराधना की जाती है.
छठ व्रत कब शुरू करते हैं ?
खरना के दिन जब व्रती गुड़ की खीर का भोग लगा लें तो परिवार के सभी लोग उनसे आशीर्वाद लेते हैं. इसी के साथ लगभग 36 घंटों का मुख्य व्रत आरंभ हो जाता है. जिसमें सुबह के अर्घ्य देने के बाद ही व्रती पारण करते हैं. ये व्रत संतान को सुख देता है.
छठ पर्व 2024 कैलेंडर
- 5 नवंबर 2024 – नहाय खाय
- 6 नवंबर 2024 – खरना
- 7 नवंबर 2024 – अस्तगामी सूर्य अर्घ्य
- 8 नवंबर 2024 – उदयीमान सूर्य अर्घ्य