कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी से सप्तमी तक छठ महापर्व मनाया जाता है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में छठी मैया और सूर्य देव को विशेष चीजों का भोग लगाया जाता है. आइये जानते हैं छठ पूजा में चढ़ाए जाने वाले प्रसादों के बारे में.
छठ पूजा के चार दिनों में प्रसाद भी अलग-अलग होते हैं. छठ पर्व के पहले दिन नहाय खाय पर कद्दू, चना दाल और भात का प्रसाद बनता है. इसके बाद दूसरे दिन खीर का प्रसाद और मीठी रोटी बनाई जाती है. वहीं सूर्य देव को अर्घ्य देने और छठी मईया की पूजा के लिए सूप डाला में विभिन्न तरह के प्रसाद रखे जाते हैं.
ठेकुआ छठ पूजा का सबसे मुख्य प्रसाद होता है. इसलिए इसे छठ का महाप्रसाद कहते हैं, जोकि एक पारंपरिक मिष्ठान है. इसे खासकर छठ के समय ही बनाया जाता है. आटे और गुड़ से तैयार ठेकुआ प्रसाद के बिना छठ पर्व अधूरा है.
छठ पूजा में प्रसाद के रूप में चावल का लड्डू भी चढ़ाना जरूरी होता है. यह आसानी से तैयार हो जाता है. इस लड्डू का भोग छठी मैया को लगाया है. इस प्रसाद के बगैर भी छठ पूजा अधूरी मानी जाती है.
इसके साथ ही छठ पूजा में सिंघाड़ा, संतरा, केला, सेब जैसे मौसमी फलों को भी शामिल किया जाता है. सूप और डाला में इन फलों को सजाकर परिक्रमा करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और छठी मैया की पूजा की जाती है.
साथ ही छठ पूजा में प्रसाद के रूप में ऐसे फल-सब्जियों को भी रखा जाता है जोकि बहुत गुणकारी माने जाते हैं और ये औषधीय फल कहलाते हैं. गन्ना, त्रिफला, आंवला, कच्ची हल्दी, सुथनी, पत्तेदार गाजर और मूली जैसी चीजें भी होती है.
अन्य पूजा-अनुष्ठा की तरह छठ पर्व में नारियल चढ़ाने का महत्व है. लेकिन छठ में जो नारियल चढ़ाया जाता है इसके छिलके नहीं हटाए जाते हैं. इसके साथ छठ में बड़ा नींबू भी प्रसाद के रूप में शामिल किया जाता है. लोकभाषा में इसे डाभ नींबू कहा जाता है.
Published at : 07 Nov 2024 07:30 AM (IST)
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