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उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में वसीयत के आधार पर वरासत करने के लिए कथित रूप से लेखपाल व उसके मुंशी ने शाहजहांपुर जिले के एक युवक से एक लाख रुपये की रिश्वत ले ली। वरासत में दूसरे लोगों के नाम दर्ज करा दिए गए जो मुंशी के रिश्तेदार हैं। बुधवार रात युवक की तहरीर पर शहर कोतवाली में लेखपाल व मुंशी के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज कर लिया गया।
शाहजहांपुर जिले की सदर तहसील क्षेत्र के निवासी राकेश कुमार सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उनकी नानी रामदुलारी बाराबंकी जिले के नबाबगंज तहसील क्षेत्र के गाल्हामऊ गांव की थीं। उनके पास करीब 35 बीघा जमीन थी। कोई पुत्र न होने के कारण नानी ने अपनी चल-अचल संपत्ति अपनी बेटी सरोजनी देवी के नाम कर दी थी और उन्हीं के साथ रहती थीं।
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राकेश के अनुसार 24 मार्च 2008 को नानी के निधन के बाद वसीयत के आधार पर उन्होंने वरासत का वाद दायर किया। लेकिन कुछ दिन बाद एक हादसे में वह दिव्यांग हो गए और वरासत के मामले में पैरवी नहीं कर सके।
वरासत में न दर्ज करके रिश्तेदारों का नाम दर्ज करा दी
ठीक होने के बाद उन्होंने गाल्हामऊ के लेखपाल प्रताप कुमार से संपर्क किया। लेखपाल ने सितंबर 2023 में इस काम को लेकर एक लाख रुपये ले लिए। उस समय लेखपाल के साथ उसका सहायक विशाल कुमार यादव भी था। अब पता लगा कि राकेश की मां का नाम वरासत में न दर्ज करके विशाल के रिश्तेदारों का नाम दर्ज करा दिया गया है।
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विरोध करने पर लेखपाल व उसके मुंशी ने 20 हजार रुपये वापस किए। शहर कोतवाल आलोक मणि त्रिपाठी ने बताया कि लेखपाल व उसके मुंशी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
नायब तहसीलदार व कानूनगो के नाम पर वसूली
केस दर्ज कराने वाले राकेश कुमार सिंह ने बताया कि लेखपाल ने नायब तहसीलदार व कानूनगाे को भी रकम देने की बात कही थी। वादा किया था कि वरासत शत-प्रतिशत हो जाएगी।
निलंबित हो चुका है लेखपाल
अधिकारियों के अनुसार लेखपाल प्रताप कुमार को निलंबित किया जा चुका है। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।