कानपुर में मृत व्यक्ति को जिंदा दिखाकर बैंक से उसके नाम पर 30 लाख रुपये का लोन लेने का मामला सामने आया है। पुलिस ने कारोबारी और उसकी फर्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है।
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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया
कोतवाली क्षेत्र में मृत व्यक्ति को जिंदा दिखाकर बैंक से उसके नाम पर 30 लाख रुपये का लोन लेने का मामला सामने आया है। आरोप है कि मीरपुर कैंट निवासी एक कारोबारी ने लोन लेने के लिए अधिकारियों को गुमराह कर मर चुके व्यक्ति की आईडी पर अपनी फोटो लगा दी। खाता एनपीए होने पर बैंक ने जब आंतरिक जांच कराई तो धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। बैंक ऑफ इंडिया की मेस्टन रोड शाखा के प्रबंधक रजत दुग्गल ने बताया कि मीरपुर कैंट निवासी मेसर्स हिना ट्रेडर्स के प्रोपराइटर मेहरुद्दीन ने राम चंद्र गुप्ता बनकर साल 2013 में बैंक से 30 लाख का लोन (कैश क्रेडिट) लिया। खाता 2022 में एनपीए हो गया।
लिमिट में राम चंद्र ने शांतिनगर कैंट के केडीए से पट्टे पर ली गई ई-ब्लॉक योजना 2 किदवई नगर के पते वाले घर के दस्तावेज दिए। दुग्गल ने बताया कि लोन अकाउंट में दस्तावेजों के रिन्यूवल के दौरान राम चंद्र बनकर बैंक आकर दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी करते रहे। खाता एनपीए होने के बाद जब बैंक ने अंदरूनी जांच की तो पता चला कि गुप्ता की 12 मई 2012 को ही मृत्यु हो चुकी है। इसका प्रमाण पत्र भी बैंक को मिल गया।
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