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– फोटो : amar ujala
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यूपी में फर्जी और कूट रचित दस्तावेज के जरिए 35 बीघा जमीन हड़पने का खुलासा हुआ है। जांच में मामला पकड़ में आने के बाद चकबंदी आयुक्त ने चार नवंबर को फर्जीवाडे करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने और विधिक कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
मामला जौनपुर जिले का है। अब इस जिले में चकबंदी के दौरान तैयार किए गए अन्य दस्तावेजों की भी जांच कराई जाएगी। जौनपुर के खेतासराय थाना क्षेत्र के मानीकला गांव में अनवारुद्दीन खान और उनके परिवार के लोग करीब 35 बीघे जमीन पर खेती करते हैं। आरोप है कि भरेठी गांव निवासी अंसार अहमद ने इस जमीन को लेकर चकबंदी विभाग के मुकदमे का फर्जी आदेश तैयार कराया।
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जांच में दस्तावेज कूट रचित व फर्जी मिले
अब वह जमीन कब्जा करने पहुंचा तो काबिज लोगों के पता चला। अनवारुद्दीन ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई। हाईकोर्ट ने पुराने दस्तावेजों को देखते हुए 5 जुलाई 2024 को कब्जा संबंधी आदेश पर स्टे लगा दिया। उच्च न्यायालय के आदेश पर बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी ने तीन सदस्य कमेटी बनाई। जांच में पता चला कि अंसार अहमद द्वारा प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेज कूट रचित व फर्जी हैं।
चकबंदी लेखपाल की संलिप्तता
ऐसे में बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी जौनपुर ने अंसार अहमद को दोबारा अपना पक्ष रखने का मौका दिया। अंसार की ओर से फिर वही दस्तावेज पेश किए गए, जिस पर बंदोबस्त चकबंदी अधिकारी ने सभी दलीलें खारिज कर दी। चकसंख्या 116 पर अंकित 21 दिसंबर 1993 के आदेश में की गई अमल दरामद में तत्कालीन चकबंदी लेखपाल की संलिप्तता बताई गई।
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नए सिरे से बारीकी से होगी जांच
ऐसे में चार नवंबर को चकबंदी आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाए। साथ ही चकबंदी के दौरान के अन्य लंबित प्रकरणों की नए सिरे से बारीकी से जांच कराई जाए।