भारत और चीन ने चार साल के सैन्य गतिरोध के बाद पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग में गश्त के लिए आपस में सहमति बना लगी है। जानकारी के अनुसार, भारतीय सेना और चीनी सेना डेमचोक और देपसांग में हर हफ्ते एक बार गश्त करेंगे।
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डेमचोक और देपसांग में गश्त को लेकर बनी सहमति
– फोटो : ANI
भारत और चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर के डेमचोक और देपसांग इलाकों में हर हफ्ते एक समन्वित गश्त करने पर सहमति जताई है और वहां गश्त का एक दौर पहले ही पूरा कर लिया है। अक्तूबर के आखिरी हफ्ते में डेमचोक और देपसांग दोनों में सैनिकों की वापसी पूरी करने के बाद दोनों पक्षों ने महीने के पहले हफ्ते में समन्वित गश्त शुरू की थी। दोनों पक्षों ने देपसांग और देपसांग में हर हफ्ते एक-एक गश्त करने पर सहमति जताई है।
दोनों क्षेत्रों में दोनों सेनाएं करेंगी एक-एक गश्त
रक्षा सूत्रों ने बताया कि प्रत्येक क्षेत्र में एक गश्त भारतीय सैनिकों की तरफ से और एक गश्त चीनी सैनिकों की तरफ से की जाएगी। दोनों पक्ष राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य स्तरों पर कई दौर की बातचीत के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पूर्वी लद्दाख में देपसांग और डेमचोक से सैनिकों की वापसी के लिए समझौते पर पहुंचे हैं। भारतीय और चीनी पक्ष इन क्षेत्रों में नियमित अंतराल पर जमीनी कमांडर स्तर की बातचीत जारी रखेंगे।
अक्तूबर में खत्म हुआ चार साल का सैन्य गतिरोध
दोनों पक्षों ने समझौतों पर पहुंचने के बाद सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया का पता लगाने के लिए सत्यापन गश्त भी की है। अक्तूबर के आखिरी हफ्ते में भारत और चीन ने चार साल के सैन्य गतिरोध के बाद पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग मैदानों में दो विवादित बिंदुओं से सैनिकों की वापसी शुरू कर दी थी। बता दें कि जून 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण थे, जिससे दशकों में दोनों देशों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष हुआ।
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