UP News
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
राजधानी लखनऊ में आयकर विभाग की जांच के दायरे में आए मीट कारोबारियों के कश्मीर लिंक की केंद्रीय जांच एजेंसी से शिकायत हुई थी। इसके बाद एजेंसी की लखनऊ यूनिट से भी आयकर की गोपनीय रिपोर्ट को साझा किया गया था।
इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि सूत्रों की मानें तो गोपनीय जांच जारी है। कश्मीरी सुरक्षा एजेंसियों को सुरक्षा का काम देने के पीछे आखिर क्या मकसद था, इसका खुलासा जल्द हो सकता है।
यह भी पढ़ेंः- UP News: चौकी बुलाकर शटरिंग कारीगर को दी थर्ड डिग्री, हाथ-पैर और कमर में आई चोट; सिपाही निलंबित…जांच के आदेश
सूत्रों की मानें तो अधिकतर मीट कारोबारियों ने आयकर विभाग के छापे में कश्मीर कनेक्शन मिलने के बाद स्थानीय एजेंसियों को काम देना शुरू कर दिया था। यह भी सामने आया है कि जिन खाड़ी देशों के साथ कारोबार करने के लिए जिन अनुवादकों को काम पर रखा गया था, उन्हें भी हटाया जा चुका है।
1200 करोड़ रुपये की नकदी का हुआ लेन-देन
आयकर विभाग के अधिकारियों की मानें तो अभी इस प्रकरण में कश्मीर कनेक्शन के साथ कुछ कट्टरपंथी संगठनों को फंडिंग के बारे में गहनता से जांच करना जरूरी है। खासकर टेरर फंडिंग की आशंका को देखते हुए हर पहलू की पड़ताल की जानी चाहिए। यह पता लगाना जरूरी है कि जांच में 1200 करोड़ रुपये की नकदी के लेन-देन होने के बाद उसे कहां खपाया गया।
यह भी पढ़ेंः- UP News: डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट रख 48 लाख हड़पे, एसटीएफ ने पांच को दबोचा; खुद को अधिकारी बताकर देते थे झांसा
अनुवादकों की लोकेशन कई बार कश्मीर में मिली
दरअसल मीट कारोबारियों ने जिन अनुवादकों को काम पर रखा था, उनकी लोकेशन कई बार कश्मीर में पाई गई थी। केंद्रीय एजेंसी से हुई शिकायत में उनके पाकिस्तान जाने की आशंका भी जताई गई थी। कारोबारियों ने आयकर विभाग की पूछताछ में बताया था कि खाड़ी देशों से अधिकतर पत्र अरबी भाषा में आते हैं, जिसकी वजह से उन्हें अनुवादक रखने पड़ते हैं।