उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर कैंटर की टक्कर से कार सवार अधिवक्ता ओम प्रकाश आर्या का परिवार खत्म हो गया। वह 10 साल पहले बिहार से दिल्ली शिफ्ट हुए थे। सोमवार सुबह तक घर लौट जाना चाहते थे, इसलिए रविवार शाम को ही प्रयागराज से चल दिए। उन्होंने साले को हादसे से आठ घंटे पहले वीडियो कॉल की थी। मूलरूप से बिहार के रहने वाले ओम प्रकाश और पूर्णिमा की शादी वर्ष 2015 में हुई थी। ओम प्रकाश तीन भाइयों में छोटे थे। पिता वीर शमशेर सिंह सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य हैं।
कहा था कि सुबह तक आ जाएंगे। रात दो बजे पुलिस ने कॉल करके हादसे की जानकारी दी। पूर्णिमा दो भाइयों की इकलौती बहन थीं। परिवार में सबसे छोटी थीं। रिश्तेदारों ने बताया कि ओम प्रकाश सीए थे। उनकी वकालत की पढ़ाई पूरी हो गई थी। शुक्रवार को डिग्री मिलने की खुशी में पत्नी पूर्णिमा, बेटी अहाना व बेटा विनायक के साथ महाकुंभ गए थे।
महाकुंभ से लौट रहे अधिवक्ता दंपती और दो बच्चों की मौत
लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर फतेहाबाद क्षेत्र में रविवार रात अनियंत्रित कार और कैंटर में टक्कर हो गई। कार डिवाइडर को पार कर दूसरी लेन में पहुंच गई थी। हादसे में हाईकोर्ट के अधिवक्ता दिल्ली निवासी ओमप्रकाश (42), उनकी पत्नी पूर्णिमा सिंह (34), बेटी अहाना (8) और बेटे विनायक (2) की माैत हो गई। परिवार गणतंत्र दिवस पर महाकुंभ स्नान कर घर लौट रहा था। वाहनों को हटवाकर आधे घंटे बाद जाम खुलवाया जा सका।
हादसा रविवार रात करीब 12:35 बजे हुआ। गली नंबर 3, बी 50, सुभाष पार्क, उत्तम नगर, दिल्ली निवासी ओमप्रकाश आर्या चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ दिल्ली हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते थे। उनके साले चंदन सिंह ने बताया कि दो दिन की छुट्टी होने के कारण बहनोई ओमप्रकाश और बहन पूर्णिमा भांजे व भांजी के साथ शनिवार सुबह प्रयागराज अपनी कार से गए थे। महाकुंभ स्नान कर सभी रविवार शाम लौट रहे थे।