{“_id”:”67a39363e946d229880e6d29″,”slug”:”pragti-yatra-picture-of-village-before-cm-nitish-kumar-s-pragati-yatra-sheikhpura-bihar-news-2025-02-05″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Pragti Yatra: सीएम नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा से पहले गांव की तस्वीर, ग्रामीणों का यह आरोप भी पढ़िए”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
सीएम नीतीश कुमार के आगमन की लेकर सजाया गया पंचायत सरकार भवन।p – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
गुरुवार को बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार का पदापर्ण शेखपुरा की धरती पर घाटकुसुम्भा प्रखंड अंतर्गत गगौर गांव में हो रहा है। जिसकी तैयारी जिला प्रशासन के द्वारा पूरी कर ली गयी है। सीएम के सुरक्षा को देखते हुए तीन लेयर में पुलिस अधिकारियों को तैनात कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस अधिकारियों की टीम काे तैनात कर दिया गया है। महसार गांव से लेकर शेखपुरा मुख्यालय तक हर माेड़ व चाैक-चाैराहे पर पुलिस की तैनाती है। सीएम की सुरक्षा काे देखते हुए पूरे कार्यक्रम स्थल से लेकर रास्ते तक में हज़ारों पुलिस कर्मियाें की ड्यूटी लगायी गयी है। जबकि पटना से भी सीएम के विशेष सुरक्षा अधिकारी व पदाधिकारी का भी आगमन हाे चुका है। जानकारी हो कि सीएम नीतीश कुमार गुरूवार काे प्रगति यात्रा के सिलसिले में शेखपुरा पहुंच रहे।
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गगौर गांव की बदली तस्वीर
समाधान यात्रा के दौरान सीएम नीतीश कुमार घाटकुसुम्भा प्रखंड के गगौर गांव में पहुंचेंगे और विकास कार्यो के साथ-साथ जनसंवाद कार्यक्रम के माध्यम से लोगों से रुबरु होंगे। जिसको लेकर जिलाधिकारी आरिफ अहसन के नेतृत्व में विभिन्न विभागों के काउंटर स्टॉल लगाए गए है। सीएम नीतीश के पहुंचने से पहले ही गांव और ग्रामीणों की सूरत और सीरत बदलने में अधिकारियों की पूरी टीम लगी हुई है। अब तक गगौर गांव की तस्वीर पूरी तरह से बदल चुकी है। गांव की टूटी गलियों एवं नालियों को पीसीसी ढ़लाई से दुरुस्त कर दिया गया है। गांव के मध्य विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, कस्तूरबा गाँधी आवासीय विद्यालय आदि को मरम्मत कर रंग-रोगन कर चमका दिया गया है। गांव के पंचायत सरकार भवन, खेल मैदान का निर्माण कर पूरे परिसर को खूबसूरत बना दिया गया है। गगौर आने वाली ग्रामीण सड़क को पूरी तरह से मरम्मत कर दिया गया है।
प्रगति यात्रा लेकर शेखपुरा के गगौर आएंगे सीएम
प्रगति यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार घाटकुसुम्भा प्रखंड के गगौर गांव आएंगे। जिसकी तैयारी को पूरा प्रशासनिक अमला गगौर को चकाचक करने के लिए दिन-रात एक किए हुए है। ताकि मुख्यमंत्री को किसी प्रकार शिकायत सुनने को न मिले। इस दौरान आनन-फानन कराये जा रहे कार्यों में कितना गुणवत्तापूर्ण होगा ये तो मुख्यमंत्री के जाने के बाद पता चल सकेगा। बहरहाल गगौर गांव की तस्वीर बदलने के लिए जोरों-शोरों लगे हुए है। गौरतलब हो कि डीएम-एसपी समेत जिले के तमाम आला अधिकारी बुधवार की देर शाम तक गगौर में जुटे रहें। डीएम आरिफ अहसन के साथ दिन भर बैठक का सिलसिला गगौर गांव में स्थित पंचायत सरकार भवन में चलता रहा। सीएम की सुरक्षा को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस अधिकारियों की टीम तैनात की जा रही है। मेहूंस गांव से लेकर गगौर गांव की मोड व शहर के गोल्डन चौक से लेकर गगौर गांव तक पुलिस बलों की तैनाती की जा रही है। सीएम की सुरक्षा को लेकर पूरे कार्यक्रम स्थल से लेकर रास्ते तक पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगायी जा रही है। जबकि पटना से भी सीएम के विशेष सुरक्षा अधिकारी व पदाधिकारी का आगमन हो चुका है। सीएम के विशेष सुरक्षा पदाधिकारी हेलीपैड, स्कूल, अस्पताल, बेरीकेडिंग समेत गलियों का मुआयना करने में लगे हुए है एवं स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों के साथ मिलकर सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम करने में जुटे हुए हैं।
महसार गांव में न तो पेड़ पौधे बचे, न ही कोईहरियाली
स्थानीय लोगों का कहना है कि समाधान यात्रा के सिलसिले में सात फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शेखपुरा के महसार गांव आये थे, उनके आगमन की तैयारी को लेकर गांव को शहर का शक्ल देने की कवायद की गई थी। पंचायती राज का सपना साकार करने के लिए पंचायत सरकार भवन को दुल्हन की तरह सजाया गया था। जिम, हॉस्पिटल, स्कूल, सामुदायिक भवन, नल जल, जल जीवन जीवन हरियाली, सड़क, बिजली पर करोड़ों रुपया खर्चा किया गया था। लगा था कि महसार गांव सचमुच में शहर बन जायेगा, लेकिन मुख्यमंत्री के जाते ही सब कुछ वीरान होने लगा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि आज डेढ़ साल में पानी के तरह बहाए गए करोड़ों रुपए का नामों निशान नहीं रहा। पंचायत सरकार भवन के खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं। दरवाजे अक्सर बंद ही रहते हैं। अंदर में चल रहा पंखा कभी बंद नहीं होता आदमी रहे या न रहे। एप्रोच पथ बतासे की तरह बिखर गए। परिसर में जहां तहां गड्ढा हो गया है और उस गड्ढे को तालाब समझकर भैंस पूरा मज़ा लेती दिखती है। जिम के लिए लगाए गए समान टूट फुट गए। जिस पार्क का निर्माण किया था, उस पार्क में न कोई पेड़ पौधे बचे न ही कोई हरियाली। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि महसार गांव के कायाकल्प के लिए पंचायत के मुखिया से लेकर जिला परिषद, विधायक एवं जिला प्रशासन के द्वारा आठ से दस करोड़ रुपया खर्च किया गया था। जल्दबाज़ी में काम हुआ था लिहाजा गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं थी। आलम यह हुआ कि जितनी जल्दबाज़ी में काम हुई उतने ही जल्दी विकास कार्य गायब भी हो गए।