{“_id”:”67b2e168771b4187ca0d2685″,”slug”:”tax-evasion-of-more-than-100-crores-found-at-perfume-trader-s-place-in-kannauj-2025-02-17″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”UP: आयकर विभाग की जांच में बड़ा खुलासा, कन्नौज के इत्र कारोबारी के यहां मिली 100 करोड़ से ज्यादा की कर चोरी”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
स्वरूप नगर स्थित एसएनके पान मसाला ग्रुप के मालिक के आवास छापा – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
एसएनके ब्रांड का पान मसाला बनाने वाले समूह के चार प्रतिष्ठानों पर आयकर विभाग की जांच लगातार पांचवें दिन रविवार को भी जारी रही। अब तक की जांच में अरबों रुपये की कर चोरी के दस्तावेज अफसरों के हाथ लगे हैं। दूसरी ओर, समूह से जुड़े कन्नौज के इत्र कारोबारी पंडित चंद्रवली एंड संस के यहां से 100 से 150 करोड़ की कर चोरी पकड़ने का दावा किया गया है।
Trending Videos
बोगस फर्मों और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) के जरिये अरबों रुपये का लेन-देन पहले ही अफसर पकड़ चुके हैं। इसमें समूह और इसके सप्लायर शामिल हैं। अब तक 500 करोड़ की संपत्तियों के दस्तावेज अफसरों को मिल चुके हैं। सूत्रों का दावा है कि कानपुर शहर में अब तक की सबसे बड़ी कर चोरी पकड़ी गई है। विभाग के अफसरों ने आगे की कार्रवाई के तहत समूह के संचालकों और निदेशकों के बयान दर्ज करने शुरू कर दिए हैं। सूत्रों ने बताया कि कन्नौज के इत्र कारोबारी पंडित चंद्रवली एंड संस के ठिकानों पर कार्रवाई खत्म कर दी गई है। 100-150 करोड़ के बीच कर चोरी पकड़ी गई है। दोनों समूहों में गहरा गठजोड़ मिला है। कारोबार का बड़ा हिस्सा नकद में होता था और इस कमाई को रियल इस्टेट के कारोबार में लगाया जा रहा था।
आयकर विभाग के अफसरों ने एसएनके पान मसाला समूह व सप्लायरों पर बुधवार को देशव्यापी छापा मारा था। दिल्ली, बंगलूरू, मुंबई, गोवा, दमन और दीव के साथ प्रदेश के कानपुर, बरेली, झांसी, ललितपुर और कन्नौज स्थित इत्र कारोबारी पंडित चंद्रवली एंड संस के साथ ही तंबाकू, सुपाड़ी कारोबारी और ट्रांसपोर्टरों की जांच शुरू की गई थी।
सूत्रों ने बताया कि पान मसाला समूह और इत्र कारोबारी के प्रतिष्ठानों में मिलाकर 35 करोड़ के गहने और नकदी मिल चुकी है। अब कानपुर में एसएनके समूह के मालिकों नवीन कुरेले व प्रवीण कुरेले के स्वरूपनगर स्थित आवास के अलावा पनकी स्थित तीन फैक्टरियों में ही कार्रवाई चल रही है। अन्य 51 जगहों से टीमें लौट गई हैं। सूत्रों ने बताया कि समूह के संचालकों से बरामद संपत्तियों की जांच बेनामी प्रकोष्ठ से भी कराई जा सकती है। बड़े पैमाने पर काली कमाई के जरिये देश के अलग-अलग हिस्सों में संपत्तियों की खरीद-फरोख्त की गई है।