महाकुंभ 2025
इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से अफवाह फैली है कि प्रयागराज महाकुम्भ में भारी भीड़ को देखते हुए प्रदेश सरकार और मेला व जिला प्रशासन की ओर से मेले का एक्सटेंशन करते हुए इसे मार्च तक बढ़ा दिया गया है। प्रयागराज के डीएम रविंद्र मांदड़ ने ऐसी अफवाहों का सिरे से खंडन किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह नितांत अफवाह है। महाकुम्भ मेले का जो शेड्यूल जारी होता है, वह मुहूर्त के हिसाब से जारी होता है और पहले से तय होता है। 26 फरवरी को निर्धारित तिथि पर ही महाकुम्भ का समापन होगा और तब तक जो भी श्रद्धालु आ रहे हैं, उन सभी के सुगम आवागमन को सुनिश्चित किया जा रहा है।
सुगम आवागमन किया जा रहा सुनिश्चित
मेले की डेट के एक्सटेंशन को लेकर सोशल मीडिया पर जारी अफवाहों पर डीएम ने स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी श्रद्धालुओं की सुविधा और व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वह किसी प्रकार की अफवाह पर ध्यान ना दें, क्योंकि शासन और प्रशासन की तरफ से मेले की डेट के एक्सटेंशन का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि जो भी दिन शेष बचे हैं, इस दौरान लोगों के सुगम स्नान के प्रबंध किए जा रहे हैं। लोग संगम में स्नान करने के बाद वापस अपने गंतव्यों की ओर लौटें, इसका प्रबंध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक मैनेजमेंट हमारी प्रॉयरिटी है। इस पर हम लगातार काम कर रहे हैं। प्रयागराज के आम जनजीवन को बिना प्रभावित किए श्रद्धालुओं के आवागमन का बैलेंस बनाकर काम किया जा रहा है।
पीक डेज पर बंद किया जाता है प्रयाग संगम स्टेशन
रेलवे स्टेशन को बंद किए जाने को लेकर डीएम ने कहा कि कोई रेलवे स्टेशन बिना पूर्व सूचना के बंद नहीं किया गया है। यह कोरी अफवाह है। उन्होंने कहा कि दारागंज में प्रयाग संगम स्टेशन पीक डेज पर हम पहले भी बंद करते आए हैं। चूंकि यह स्टेशन मेले से सटा हुआ है, इसलिए यहां ज्यादा भीड़ इकट्ठा न हो, इसलिए इसको स्थाई रूप से बंद किया गया है। इसके अतिरिक्त जितने भी हमारे स्टेशन हैं सभी ऑपरेशनल हैं और बड़ी संख्या में लोग वहां से आ और जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार और जिला प्रशासन के लिए एतिहासिक अवसर है। मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन पर हम सभी गतिविधियों को सामान्य रूप से संचालित कर रहे हैं। अभी तक किसी भी छात्र की परीक्षा नहीं छूटी है। पूर्व में भी हमने अपील की थी कि बोर्ड परीक्षा दे रहे सभी छात्र और पेरेंट्स निर्धारित समय से पूर्व परीक्षा केंद्र में पहुंचें। सभी ने इस पर अमल किया है। सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड ने भी निर्णय लिया है कि यदि किसी का एग्जाम छूटता है तो छात्र को परीक्षा के अंत में एक और अवसर प्राप्त हो सकेगा।