लखनऊ/एबीएन न्यूज। उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल के रेलवे सुरक्षा बल ने ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते अभियान के अंतर्गत संवेदनशीलता और सतर्कता का परिचय देते हुए दो नाबालिग बच्चों को सुरक्षित बचाकर चाइल्ड हेल्पलाइन को सौंपा।
पहला मामला बाराबंकी रेलवे स्टेशन का है, जहां महिला कांस्टेबल सरिता यादव ने प्लेटफार्म पर एक 10 वर्षीय बालिका को असहाय अवस्था में बैठे हुए देखा। पूछताछ में बच्ची ने अपना नाम आलिया बताया और कहा कि वह बरेली स्टेशन से किसी ट्रेन में चढ़ गई थी तथा नींद में बाराबंकी उतर गई। बालिका ने यह भी स्वीकार किया कि वह गाड़ियों में भीख मांगती है। तत्काल महिला कांस्टेबल द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 को सूचित किया गया। सूचना पर पहुंची काउंसलर कंचन सोनकर के समक्ष बच्ची को आरपीएफ निरीक्षक कपिल कुमार व महिला कांस्टेबल सरिता यादव ने सुरक्षित सुपुर्द कर दिया।
दूसरा मामला वाराणसी रेलवे स्टेशन का है। यहां प्लेटफार्म संख्या 5 पर निरीक्षण के दौरान आरपीएफ के सहायक उप निरीक्षक धर्मेन्द्र कुमार यादव और महिला कांस्टेबल प्रियंका दुबे ने एक 11 वर्षीय बालक को अकेले व उदास बैठे देखा। पूछताछ में उसने अपना नाम गुलशन बताया और कहा कि वह घर से नाराज होकर स्टेशन आ गया है। बच्चे की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए टीम ने चाइल्ड लाइन को सूचित किया। कुछ देर बाद पहुंचे चाइल्ड लाइन के प्रतिनिधि विशाल सिंह के सुपुर्द बालक को नियमानुसार सौंपा गया।

आरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि ‘ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते’ के तहत स्टेशन परिसरों में लावारिस, असहाय एवं नाबालिग बच्चों की पहचान कर उनकी सुरक्षा व पुनर्वास के लिए सतत कार्य किया जा रहा है। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि यदि वे किसी भी बच्चे को स्टेशन पर संदिग्ध अवस्था में देखें तो तुरंत रेलवे सुरक्षा बल, हेल्पलाइन नंबर 139 या नजदीकी स्टेशन स्टाफ को सूचित करें। आपकी सतर्कता किसी मासूम का भविष्य संवार सकती है।