गोरखपुर/एबीएन न्यूज। भारतीय रेल संरक्षित, सुरक्षित और यात्रियों की आवश्यकताओं के अनुरूप ट्रेनों के निर्बाध परिचालन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास को लगातार गति दे रही है। इसी क्रम में बुढ़वल-गोंडा कचहरी (55.75 किमी.) खंड के मध्य चौथी रेल लाइन निर्माण परियोजना को स्वीकृति मिल गई है। इस परियोजना पर लगभग 796.30 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
यह खंड भारतीय रेल के उच्च घनत्व यातायात नेटवर्क (High Density Traffic Network) का हिस्सा है। चौथी लाइन बन जाने से यहां की लाइन क्षमता 78% तक बढ़ जाएगी, जिससे कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, पेट्रोलियम, खाद्यान्न, कंटेनर और ऑटोमोबाइल जैसी वस्तुओं की आवाजाही बढ़ेगी। यात्रियों की मांग के अनुरूप और अधिक ट्रेनों का परिचालन भी संभव होगा।
इसी क्रम में गोंडा-बुढ़वल (61.72 किमी.) तीसरी लाइन परियोजना का निर्माण कार्य भी तेजी से जारी है। यह परियोजना 1117.80 करोड़ रुपये की लागत से बन रही है। इसमें प्रथम चरण में गोंडा कचहरी-करनैलगंज (23.65 किमी.) का कमीशन पूरा हो चुका है। द्वितीय चरण में करनैलगंज-घाघरा घाट (21.77 किमी.) खंड का निर्माण कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है।
03 व 04 जुलाई 2025 को रेल संरक्षा आयुक्त, उत्तर पूर्व सर्कल श्री प्रणजीव सक्सेना ने करनैलगंज-घाघरा घाट सेक्शन की नवनिर्मित विद्युतकर्षण युक्त तीसरी लाइन का संरक्षा परीक्षण भी किया। परियोजना के तहत सरयू नदी पर एक महत्वपूर्ण रेल पुल, 10 बड़े और 36 छोटे पुलों का कार्य भी सफलतापूर्वक पूरा किया गया।

तीसरे चरण में घाघरा घाट-बुढ़वल (11.77 किमी.) का निर्माण कार्य प्रगति पर है। घाघरा ब्रिज पर गर्डर लांचिंग का काम पूरा कर लिया गया है, और यह खंड वर्ष 2025 के अंत तक कमीशन किया जाएगा।
गोंडा-बुढ़वल खंड पर चौथी लाइन स्वीकृति मिलने से यात्री और मालगाड़ियों का संचालन और अधिक सुचारू होगा तथा समय पालन में उल्लेखनीय सुधार होगा। इससे माल परिवहन में तेजी आएगी, जो व्यापारियों और उद्यमियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगा तथा रेलवे राजस्व में भी बढ़ोतरी करेगा।
इस परियोजना से स्थानीय सामाजिक व आर्थिक विकास को बल मिलेगा। कृषि, व्यापार, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को भी नई गति मिलेगी। यात्री आवागमन में भी काफी सुविधा बढ़ेगी और पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहन मिलेगा।