जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर दंगाइयों का महिमामंडन करने और कानून-व्यवस्था को कमजोर करने का आरोप लगाया है. बीजेपी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला खुलेआम कानून का उल्लंघन कर रहे हैं.
बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता सुनील सेठी ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के हालिया कार्यों और बयानों की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि 1931 की पुलिस गोलीबारी की घटना में मारे गए दंगाइयों को श्रद्धांजलि देने के लिए दीवारें फांद रहे हैं, जबकि उन्होंने उस केंद्रीय कारागार पर हमला किया था, जहां राष्ट्र-विरोधी तत्व कैद थे.
कानून तोड़ने वालों को बताया खलनायक
सुनील सेठी ने कहा कि यह विडंबना ही है कि एक मुख्यमंत्री, जो पूर्ण राज्य का दर्जा मांगता है और कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण चाहता है, खुद कानून का उल्लंघन करता हुआ दिखाई देता है और फिर मीडिया में बेशर्मी से उसका प्रदर्शन करता है.
उन्होंने कहा कि जो लोग अदालतों पर हमला करते हैं, जेलों में घुसकर अराजकता फैलाते हैं, वे नायक नहीं, खलनायक हैं. सेठी ने सवाल किया कि अगर उमर के नेतृत्व में ऐसी हिंसक घटनाएं फिर से होतीं, तो क्या वह पुलिस को व्यवस्था बनाए रखने की अनुमति नहीं देते?
दंगाइयों को शहीद बताना देश का अपमान- सुनील सेठी
सेठी ने कहा कि ऐसे तत्वों का महिमामंडन और उन्हें शहीद का दर्जा देने से अलगाववादियों का हौसला बढ़ता है और शांति भंग होती है. उन्होंने 1931 की घटना की तुलना जलियांवाला बाग हत्याकांड से करने के लिए मुख्यमंत्री की निंदा की, जो एक अतार्किक और भ्रामक तुलना है.
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने 1931 की घटना के अगले दिन, 14 जुलाई को इन दंगाइयों को श्रद्धांजलि दी थी. दंगाइयों ने कश्मीरी हिंदुओं को निशाना बनाकर उनकी संपत्तियां जलाईं और लूटपाट की. इस तथ्य को न तो उमर अब्दुल्ला, और न ही नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कभी स्वीकार किया और न ही इसके लिए माफी मांगी.
राजनीतिक लाभ के लिए शांति भंग का आरोप
सेठी ने याद दिलाया कि कांग्रेस ने भी एक बार शेख अब्दुल्ला को देशद्रोही करार दिया था. उन्होंने चेतावनी दी किजब जम्मू-कश्मीर शांति और सामान्य स्थिति की ओर बढ़ रहा है, नेशनल कॉन्फ्रेंस राजनीतिक लाभ के लिए इस विकास को पटरी से उतारने की कोशिश कर रही है.
उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के बीच यह देखने की होड़ चल रही है कि कौन ज्यादा कानून तोड़ सकता है, और अलगाववादी व आतंकवादी विचारधाराओं को खुश कर सकता है. उन्होंने आगे कहा कि इन गतिविधियों से आतंकवाद को बढ़ावा मिलेगा.
पर्यटन और शांति पर उठाए सवाल
बीजेपी नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री देश के विभिन्न हिस्सों से कश्मीर में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, लेकिन उन्होंने सवाल किया कि जब मुख्यमंत्री खुद अराजकता को बढ़ावा देते हैं, तो घाटी में शांति और पर्यटन को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि उमर के नेतृत्व वाली सरकार शासन में बार-बार विफल रही है चाहे वह स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व या खनन का क्षेत्र हो और जब भी उनसे सवाल किया जाता है, तो वे राज्य के दर्जे के भावनात्मक नारों से अपना पल्ला झाड़ लेते हैं.
प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला
जम्मू-कश्मीर सरकार को केंद्र सरकार के साथ समन्वय में काम करना चाहिए, लेकिन उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में, दोनों को एक-दूसरे के विरोधी के रूप में पेश किया गया है. आम कश्मीरी शांति और विकास चाहता है, न कि राजनीतिक नाटक.
सेठी ने उमर अब्दुल्ला का मीडिया को “कायर” और “खरीदा हुआ” कहने की भी निंदा की और कहा कि इस तरह के निराधार आरोप, प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला करते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में मीडिया, लोगों तक सच्चाई पहुंचाकर, साहस और ईमानदारी के साथ अपना कर्तव्य निभा रहा है.
हम जम्मू-कश्मीर या हिंदू-मुसलमानों में कोई भेदभाव नहीं करते – सेठी
सेठी ने जम्मू-कश्मीर की एकता और विकास के लिए बीजेपी की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा, हम जम्मू-कश्मीर या हिंदू-मुसलमानों में कोई भेदभाव नहीं करते. हमारा लक्ष्य समावेशी विकास है.
उन्होंने आगे कहा कि कश्मीर, राष्ट्रवादी भावना के साथ आगे बढ़ रहा है और बीजेपी, अलगाववादी मानसिकता को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर को शेष भारत के साथ पूरी तरह से एकीकृत करने के अपने मिशन को जारी रखेगी.