महाराष्ट्र के पालघर में वसई के नारंगी रोड पर चार मंजिला रमाबाई अपार्टमेंट की इमारत का पिछला हिस्सा कल ढह जाने के मामले में मृतकों को आंकड़ा बढ़ गया है। चामुंडा नगर और विजय नगर के बीच स्थित इमारत के साथ हुए हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई। एनडीआरएफ के मुताबिक, बचाव कार्य जारी है।
रमाबाई अपार्टमेंट का पिछला हिस्सा रात 12.05 बजे गिरने के 33 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी दुर्घटनास्थल पर मलबा हटाने का काम जारी है। वसई विरार नगर निगम (वीवीएमसी) ने बताया कि चार लोग अभी भी इलाके के अलग-अलग अस्पतालों और मुंबई के बाहरी इलाके नालासोपारा में भर्ती हैं। तीन अन्य को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है।

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पालघर में हादसा
– फोटो : ANI
वसई विरार नगर निगम (वीवीएमसी) द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने इमारत के बिल्डर को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने अब तक बारह मृतकों में से सात की पहचान आरोही ओमकार जोविल (24), उनकी एक वर्षीय बेटी उत्कर्षा जोविल, लक्ष्मण किस्कू सिंह (26), दिनेश प्रकाश सपकाल (43), सुप्रिया निवालकर (38), अर्नव निवालकर (11) और पार्वती सपकाल के रूप में की है। जिला कलेक्टर इंदु रानी जाखड़ ने कहा है कि मलबे में अभी भी कुछ और लोग दबे हो सकते हैं।

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पालघर में हादसा
– फोटो : ANI
पालघर के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विवेकानंद कदम ने बताया कि गनीमत रही कि जिस चॉल या मकान पर इमारत गिरी, वह खाली था। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर इमारत के आसपास की सभी चॉल खाली करा दी गई हैं और रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।

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पालघर में हादसा
– फोटो : PTI
कदम ने बताया कि 2012 में निर्मित रमाबाई अपार्टमेंट में 50 फ्लैट हैं और ढहे हुए हिस्से में 12 अपार्टमेंट थे। वसई विरार नगर निगम के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि इमारत अवैध थी। मलबा हटाने में देरी हुई, क्योंकि अधिकारियों को भीड़भाड़ वाले इलाके में स्थित दुर्घटनाग्रस्त इमारत तक भारी मशीनरी पहुंचाने में शुरुआत में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

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पालघर में हादसा
– फोटो : ANI
वीवीएमसी के सहायक आयुक्त गिलसन गोंसाल्वेस ने कहा, ‘अभी तक मलबा हटाने का काम जारी है। शुरुआती कई घंटों तक मलबा नगर निगम की टीमों और एनडीआरएफ की दो इकाइयों की ओर से हाथ से साफ किया गया। अब यह काम मशीनों की मदद से युद्धस्तर पर चल रहा है।’ इस हादसे में कई परिवार बेघर हो गए हैं। गोंसाल्वेस ने कहा, ‘सभी प्रभावित परिवारों को चंदनसर समाजमंदिर में अस्थायी रूप से ठहराया गया है। हम उन्हें भोजन, पानी, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।’