अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो इन दिनों भारत के खिलाफ अपने बड़बोले बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। अब उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस और चीन के राष्ट्राध्यक्षों के साथ बैठक की आलोचना की है। नवारो ने मोदी को ‘तानाशाहों के साथ गले मिलने वाला’ बताय’ और इसे एक ‘शर्मनाक’ कदम करार दिया। नवारो ने यह भी कहा कि भारत को रूस की नहीं बल्कि अमेरिका, यूरोप और यूक्रेन की जरूरत है।
पत्रकारों से बातचीत में नवारो ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता को खुध को दो बड़े तानाशाहों के साथ जोड़ना समझ में नहीं आता। मोदी से उम्मीद है कि वह जल्द ही यह समझेंगे कि उन्हें रूस के बजाय अमेरिका, यूरोप और यूक्रेन के साथ खड़ा होना चाहिए।
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नवारो का यह बयान तब सामने आया है, जब पीएम मोदी ने एससीओ के इतर चीन और रूस के साथ सीधे मजबूत संबंध दिखाने की कोशिश की। नवारो ने इस कदम को ‘बेहद शर्मनाक’ करार दिया और कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता का रुख समझ से बाहर है।
50 फीसदी टैरिफ से बढ़ा व्यापार संबंधों में तनाव
ट्रंप के व्यापार सलाहकार तबसे लगातार भारत की आलोचना कर रहे हैं, जबसे अमेरिका और भारत के बीच व्यापार में तनाव बढ़ा जा रहा है। ट्रंप प्रशासन ने भारतीय सामानों पर 50 फीसदी तक टैरिफ लगाया है, जिसमें 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ रूस से तेल खरीदने पर लागू किया गया है।
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एससीओ सम्मेलन में क्या बोले मोदी, पुतिन और जिनपिंग
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ सम्मेलन में सदस्य देशों के बीच बेहतर संपर्क के जरिए व्यापार और भरोसा बढ़ाने पर जोर दिया। सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि एससीओ के जरिए हो रहे अंतरराष्ट्रीय संवाद अब एक ऐसे नए यूरेशियाई सुरक्षा ढांचे की नींव रख रहे हैं, जो पुराने यूरोप-केंद्रित मॉडल की जगह ले सकते हैं। वहीं, चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ के सदस्य देशों से आग्रह किया कि वह निष्पक्षता और न्याय सुनिश्चित करते हुए सभी मुद्दों का समाधान करें।