जम्मू-कश्मीर में बाढ़-भूस्खलन से लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को भारी नुकसान पहुंचा है। 2500 सड़कें प्रभावित हुईं हैं। इनमें से 60 फीसदी को बहाल कर दिया गया है। करीब एक हजार सड़कें अभी बंद हैं। ज्यादातर सड़कें ग्रामीण इलाकों में हैं। पीडब्ल्यूडी के अनुसार 100 करोड़ रुपये से ज्यादा के नुकसान का अनुमान है। हालांकि विभाग अभी आकलन कर रहा है।
इनमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बीते कुछ वर्षों में बनी नई सड़कें भी शामिल हैं। प्रभावित सड़कों पर भारी भूस्खलन हुआ है। कुछ जगहों पर डंगे खिसक गए हैं। पुल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। इससे आवाजाही प्रभावित हो रही है।
कई इलाकों मे लोग पैदल सफर करने के लिए मजबूर हैं। पीडब्ल्यूडी भारी मशीनों से सड़कों से मलबा हटवा रहा है। जिन क्षेत्रों में भूस्खलन का प्रभाव कम है, वहां से मशीनों को प्रभावित इलाकों में शिफ्ट कर दिया गया है। सबसे बड़ी मुश्किल मलबे को ठिकाने लगाने में आ रही है।
मलबे को उठाकर कई किलोमीटर दूर तक ले जाना पड़ रहा है। वहीं, विभाग नुकसान की रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेजेगा। इसके बाद केंद्र से मिलने वाले बजट से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत होगी। सबसे ज्यादा नुकसान जम्मू संभाग में हुआ है।
संभाग के कठुआ, सांबा, जम्मू, रियासी, उधमपुर, किश्तवाड़, डोडा, राजोरी, रामबन, पुंछ जबकि कश्मीर संभाग के अनंतनाग और कुलगाम में पीडब्ल्यूडी को नुकसान उठाना पड़ा है। कश्मीर संभाग के अन्य जिलाें में भूस्खलन की इक्का-दुक्का घटनाएं होने से नुकसान कम हुआ है। विभाग ने जेसीबी और टिपर की मदद से कश्मीर संभाग में सड़कों को दुरुस्त किया है।