अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर टैरिफ लगाने के चलते अपने ही देश में घिरते जा रहे हैं। कई पूर्व शीर्ष राजनेता और अधिकारी ट्रंप की टैरिफ नीति की आलोचना कर चुके हैं। अब न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और विदेश मामलों के जानकार एडवर्ड प्राइस ने भी ट्रंप की नीति की तीखी आलोचना की है और साथ ही पीएम मोदी को सराहा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी बेहद चतुर हैं और वे समझदारी से कदम उठा रहे हैं।
‘भारत के स्थायी तौर पर रूस-चीन के पाले में जाने की उम्मीद कम’
एससीओ बैठक में पीएम मोदी, शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई गर्मजोशी भरी मुलाकात की दुनियाभर में चर्चा है। न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में जब इसे लेकर जब एडवर्ड प्राइस से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ‘रूस का अब कोई खास प्रभाव नहीं रह गया है। पुतिन कोशिश कर रहे हैं कि जैसा सोवियत संघ का प्रभाव था, वैसा ही प्रभाव रूस का बनाया जाए, लेकिन यही पुतिन की समस्या है क्योंकि अब रूस का नहीं बल्कि दुनिया पर चीन का ज्यादा प्रभाव है और रूस भी चीन के प्रभाव का ही हिस्सा है।’
प्राइस ने कहा कि ‘भारत, चीन के प्रभाव का हिस्सा बनना पसंद नहीं करेगा क्योंकि भारत एक आजाद संप्रभु देश है, जिसकी अपनी सभ्यता रही है। ऐसे में उम्मीद कम है कि भारत, स्थायी तौर पर चीन के प्रभाव को स्वीकार करेगा। पीएम मोदी बेहद चतुर हैं और वे बेहद समझदारी से काम कर रहे हैं। वे बस अमेरिकियों को याद दिला रहे हैं कि उनके पास विकल्प मौजूद हैं, लेकिन वे पूरी तरह से चीन और रूस के पाले में नहीं जाएंगे। यही वजह है कि वे चीन की सैन्य परेड में शामिल नहीं हुए।’
पीटर नवारो के बयान को किया खारिज
एडवर्ड प्राइस ने राष्ट्रपति ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो के उस बयान को भी खारिज कर दिया, जिसमें नवारो ने यूक्रेन युद्ध को मोदी युद्ध बताया था। प्राइस ने कहा कि ‘नवारो को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। यह मोदी का युद्ध नहीं है, यह पुतिन का युद्ध है। ये हैरानी भरा है कि अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी इस तरह के बयान दे रहे हैं। अमेरिका के हित भारत के साथ बेहतर संबंध बनाने में हैं। अगर मैं अमेरिका की व्यापार नीति को चला रहा होता तो मैं भारत पर 50 प्रतिशत नहीं बल्कि कोई टैरिफ ही नहीं लगाता।’
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अमेरिकी प्रोफेसर ने ट्रंप को बताया अज्ञानी
अमेरिका के पूर्व एनएसए जैक सुलीवन ने हाल ही में कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने निजी व्यापार हितों के लिए भारत से संबंध बिगाड़ रहे हैं। एडवर्ड प्राइस ने भी इसका समर्थन किया और कहा कि ‘साफ दिख रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप के पाकिस्तान में व्यापार हित हैं। मुझे लगता था कि राष्ट्रपति ट्रंप की अर्थशास्त्र के बारे में कम समझ है, लेकिन जिस तरह से वे भारत से व्यवहार कर रहे हैं, उससे अब लगता है कि उन्हें अर्थशास्त्र की बिल्कुल समझ नहीं है। भारत और अमेरिका में आर्थिक तनाव की कोई वजह नहीं हैं। ट्रंप भारत और अमेरिका के रिश्तों को खराब कर रहे हैं, अब या तो वे राष्ट्रीय हितों को समझते ही नहीं हैं या फिर इनके खिलाफ काम कर रहे हैं।’