वे सिर्फ एक संगीतकार नहीं थे, बल्कि एक ऐसे कलाकार थे जो अपनी कला को जीवन की सच्चाइयों और भावनाओं से जोड़कर देखते थे. उनके संगीत में जहां ‘शावा-शावा’ जैसा पार्टी एंथम था, वहीं ‘मैं यहां तू वहां’ जैसी दिल को छू लेने वाली धुनें भी थीं.
पहली ही फिल्म के दौरान जब मंडराया ‘खतरा’
रिकॉर्डिस्ट के तीखे बोल ने जब तोड़ा दिल
एक दिन वह अपनी पहली फिल्म के एक गाने की रिकॉर्डिंग के लिए स्टूडियो पहुंचे. उन्होंने अपनी टीम को बुलाया और रिकॉर्डिंग शुरू करने की कोशिश की. तभी, स्टूडियो के रिकॉर्डिस्ट ने उन्हें बीच में ही रोक दिया. रिकॉर्डिस्ट ने तीखे शब्दों में कहा, ‘सर, आपको पता नहीं है कि रिकॉर्डिंग कैसे की जाती है. आपके पास कोई तैयारी नहीं है. आप पहले सीखकर आइए, फिर रिकॉर्डिंग कीजिएगा.’ यह सुनकर आदेश श्रीवास्तव का दिल टूट गया. वह चुपचाप स्टूडियो से बाहर आ गए. इस अपमान ने उन्हें तोड़ दिया पर वह निराश होकर बैठे नहीं रहे. उन्होंने घर जाकर हर संगीत उपकरण को समझा, संगीतकारों की भूमिकाओं का अध्ययन किया और यह सीखा कि एक गीत को रिकॉर्ड करने के लिए क्या-क्या तैयारी करनी पड़ती है.
24 घंटे बाद जब हैरान हुआ वही रिकॉर्डिस्ट
अगले दिन वह पूरी तैयारी के साथ वापस उसी स्टूडियो में गए. इस बार उन्होंने हर संगीतकार को उसकी भूमिका साफ-साफ समझाई और हर बीट व हर सुर को सही जगह पर रखा. उनकी लगन और पेशेवर तरीके को देखकर वही रिकॉर्डिस्ट हैरान रह गया. उसने आदेश के पास आकर माफी मांगी और कहा, ‘आज आप एक कलाकार की तरह काम कर रहे हैं.’
किस्मत ने दिया धोखा तो की दमदार वापसी
‘हाथों में आ गया जो कल रुमाल आपका’ ने वापस दिलाई पहचान
इस फिल्म का एक गाना था ‘हाथों में आ गया जो कल रुमाल आपका’ आदेश श्रीवास्तव ने इस गाने को एक ऐसी धुन बनाई जो बहुत ही कैची और मनोरंजक थी. फिल्म के रिलीज होने से पहले ही यह गाना रेडियो पर छा गया. इसकी धुन लोगों की ज़ुबान पर चढ़ गई और यह एक बहुत बड़ा हिट बन गया. जब फिल्म रिलीज हुई, तो लोग सिनेमाघरों में खासकर यह गाना देखने और सुनने के लिए गए. इस गाने की सफलता ने आदेश श्रीवास्तव को रातों रात एक पहचान दिलाई और बेहतरीन संगीतकार के रूप में स्थापित कर दिया. इस हिट के बाद उन्हें लगातार काम मिलने लगा. उन्होंने कई बड़े अभिनेताओं और निर्देशकों के साथ काम किया और फिल्म इंडस्ट्री में अपना एक अलग मुकाम बनाया.