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Bollywood 2 Movies with unique Climax : बॉलीवुड की कुछ फिल्मों के क्लाइमैक्स दिमाग हिला देने वाले होते हैं. कुछ फिल्मों का क्लाइमैक्स इतने अच्छा होता हैं कि वर्षों तक दिमाग में बने रहते हैं. दो साल के अंतराल में ऐसी ही दो फिल्मों आई थीं, जिनके क्लाइमैक्स अति दुर्लभ थे. दोनों ही क्लाइमैक्स बहुत ही अनूठे अंदाज में दिखाए गए थे. 17 साल से ज्यादा समय से दर्शकों के जेहन में बसे हैं. दिलचस्प बात यह है कि दोनों ही फिल्में सुपरहिट निकली थीं.
कहते हैं बिना तैयारी के किसी फिल्म, किसी सीन को अच्छे से नहीं फिल्माया जा सकता. फिल्म को बनाने, शूट करने के पीछे कई कलाकारों, फिल्म से जुड़े लोगों की अटूट मेहनत होती है. 2005 और 2007 में ऐसी दो फिल्में आई जिनके क्लाइमैक्स लीक से हटकर थे. दोनों ही फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर लूट मचाई थी. दर्शकों ने दोनों फिल्मों पर प्यार लुटाया था. ये फिल्में थीं : नो एंट्री और वेलकम. दोनों फिल्मों का डायरेक्शन अनीस बज्मी ने किया था.

1995 से फिल्मों में डायरेक्शन की शुरुआत करने वाले अनीस ने द कपिल शर्मा में खुलासा किया था कि उन्होंने बिना तैयारी के क्लाइमैक्स सीन अंतिम समय में लिखे थे. अनीस ने वेलकम फिल्म से जुड़े किस्से के बारे में बताया, ‘मैंने अपनी कई फिल्मों के सीन अंतिम समय में लिखे हैं. नो एंट्री का क्लाइमैक्स सीन कहीं पर नहीं था. वेलकम का क्लाइमैक्स सीन भी अंतिम समय में मैंने लिखा था. वेलकम में तो मेरी स्क्रिप्ट को एक्टर विजय राज ने गलती से फाड़ दिया था.’

वेलकम फिल्म के डायरेक्टर अनीस ने बताया, ‘फिल्म का वो सीन जब नाना पाटेकर घोड़े पर हाथ मांगने आते थे. मैं सीन को बार-बार टाल रहा था. कल लिखूंगा करते-करते वो दिन आ गया जब सीन शूट किया जाना था. मैंने लोकेशन पर जाते समय रास्ते में वो सीन लिखा और असिस्टेंट प्रोड्यूसर को दे दिया. मैं उर्दू में लिखता हूं. मैंने नाना पाटेकर, अनिल कपूर, कैटरीना कैफ और अक्षय कुमार को पूरा सीन समझा दिया. शॉट रेडी हुआ तो विजय राज फिल्म के सीन के डायरेक्टर थे. उन्होंने कहा कि मेरे हाथ में कोई कागज होना चाहिए. कुछ नहीं मिला तो किसी ने उन्हें वही सीन की स्क्रिप्ट थमा दी.’

अनीस ने आगे बताया, ‘फिल्म के सीन के मुताबिक उन्हें जब गुस्सा आता है तो स्क्रिप्ट फाड़ देते हैं लेकिन उन्होंने गलती से सीन की ओरिजनल स्क्रिप्ट फाड़ दी. मैंने जैसे ही कट बोला तो असिस्टेंट डायरेक्टर उन टुकड़ों को उठाने के लिए दौड़े. टेप से सबको चिपकाया. फिल्म पूरी बन गई लेकिन वो सीन कंप्लीट नहीं हुआ. मैं जब नाना पाटेकर के पास वेलकम फिल्म की कहानी लेकर गया था तो उन्होंने स्टोरी सुनने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि ‘तुम अपनी मां की कसम खाकर कहो कि फिल्म मेरे लिए ठीक है या नहीं. फिर मैंने 3 घंटे उनकी कहानी सुनाई. पूरी फिल्म में उन्होंने कोई बखेड़ा खड़ा नहीं किया..वो मेरे ख्याल से बहुत अच्छे एक्टर हैं.’

अनीस बज्मी की निजी जिंदगी की बात करें तो उन्होंने बचपन से ही संघर्ष को करीब से देखा. पिता के साथ मुशायरे में जाते थे और पान-बीड़ी के बंडल लाने का काम करते थे. उर्दू की समझ हो गई. पैसों की जरूर थी तो जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर फिल्मों में काम शुरू किया. एक्टिंग में सफलता नहीं मिली तो आर्ट, एडिटिंग और साउंड डिपार्टमेंट में हाथ आजमाए. फिल्म के सेट पर स्पीकर ढोए. फिर राइटिंग का काम करने लगे. फिल्मों की कहानी लिखने लगे लेकिन नाम नहीं मिला.

राज कपूर के साथ काफी समय गुजारा और डायरेक्शन की बारीकियां सीखीं. 5-6 फिल्में लिखने के बाद सब्र टूट गया. 1990 में आई फिल्म में पहली बार क्रेडिट मिला. स्वर्ग फिल्म के पोस्टर पर गुस्से में अनीस ने अपना नाम लिख दिया था. दरअसल, 1990 की राजेश खन्ना और गोविंदा स्टारर हिट फिल्म ‘स्वर्ग’ की कहानी अनीस बज्मी ने ही लिखी थी.

अनीस ने सलीम-जावेद की तरह फिल्म के पोस्टरों पर अपना नाम लिख दिया. एडिटर से लड़कर फिल्म के ट्रेलर में अपना नाम जुड़वाया. फिर उन्होंने गोविंदा और डेविड धवन के साथ तिकड़ी बनाई और एक से बढ़कर एक फिल्में दीं. शोला और शबनम, आंखें और राजा बाबू जैसी फिल्में अनीस की कलम से ही निकलीं. उन्होंने नो एंट्री जैसी फिल्म भी लिखी और डायरेक्ट की.
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