उत्तराखंड में जंगलों की आग बेकाबू होती जा रही है। गढ़वाल और कुमाऊं में जंगल जगह-जगह धधक रहे हैं। गढ़वाल मंडल के टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिले के जंगल लगातार धधक रहे हैं। ज्यादातर चीड़ के जंगल होने के कारण आग तेजी से फैल रही है। वनकर्मी आग बुझाने में जुटे हैं। एक स्थान पर आग बुझती है तो दूसरी जगह भड़क उठती है।
दूसरी तरफ कुमाऊं में जंगलों में लगी आग विकराल होती जाती जा रही है। आज शनिवार को नैनीताल के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलिकॉप्टर की मदद ली गई। भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों में पानी डालने का काम करना शुरू कर दिया है।
प्रदेश में बीते 24 घंटे में 31 स्थानों पर वनाग्नि के नए मामले सामने आए हैं। वन विभाग के मुताबिक, शुक्रवार को भी वनाग्नि की घटनाओं में ज्यादा संख्या आरक्षित वनों की सामने आई है। अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में आरक्षित वनों में 29 और सिविल या वन पंचायतों में दो वनाग्नि की घटनाएं सामने आई हैं। इनमें कुल 33.34 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुए हैं। हालांकि, कहीं भी कोई मानव हानि सामने नहीं आई। आग से बड़ी मात्रा में वनसंपदा को नुकसान पहुंचा है। वहीं पशुओं के लिए चारे की समस्या भी खड़ी हो गई है।
चमोली के जंगलों में फिर भड़की आग
चमोली जिले के जंगलों में फिर आग धधक गई है। शुक्रवार को जिले के अलग-अलग पांच जगह पर वनाग्नि की घटनाएं सामने आई हैं। जिससे बड़ी मात्रा में वन संपदा नष्ट हो गई है। शुक्रवार को गोपेश्वर के पास कोठियालसैंण और ग्वीलों के जंगल में आग भड़क गई। चीड़ के जंगल में आग ने तेजी से विकराल रूप ले लिया। वहीं सुबह इंजीनियरिंग कॉलेज के नीचे के जंगल में भी आग लग गई। आग आईटीबीपी कैंपस में घोड़े के अस्तबल के पास तक पहुंच गई।
सूचना पर फायर सर्विस गोपेश्वर की टीम ने मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद आग को बुझा दिया। वहीं दोपहर को देवखाल के जंगल में भी आग भड़क गई। देखते ही देखते आग जंगल के बड़े क्षेत्र में फैल गई है।
वहीं पोखरी विकासखंड के विशाल ग्राम पंचायत की सिविल भूमि में चीड़ के जंगल में आग लग गई। वन सरपंच महिपाल सिंह ने वनाग्नि की सूचना केदारनाथ वन प्रभाग को दी। प्रभाग की नागनाथ रेंज के वन दरोगा आनंद सिंह रावत फायर वाचरों के साथ मौके पर पहुंचे, काफी मशक्कत के बाद वन कर्मियों ने आग को काबू कर लिया है।
असहाय वन विभाग काबू नहीं कर पा रहा जंगलों की आग
कंडीसौड़ (टिहरी) में फायर सीजन में जंगलों को आग से बचाने की तैयारी में जुटे वन विभाग की तैयारियां धरी की धरी रह गई है। एक ही समय कई जगहों पर आग लगने पर विभाग असहाय नजर आ रहा है। विभागीय कर्मचारियों को सूचना देने पर वह मैन पावर की कमी का रोना रो रहे हैं। जिससे जगह-जगह जंगल धधक रहे हैं। शुक्रवार को सुबह 10 बजे सुनारगांव के सिविल वन क्षेत्र में लगी आग पांच घंटे बाद काबू की गई। वन कर्मियों के वहां से आग बुझाकर लौटने के डेढ़ घंटे बाद ही कंडीसौड़ का जंगल धधकने लगा। स्थानीय लोगों ने वन विभाग को सूचना दी।