मृतक दरोगा हरिशंकर
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रायबरेली जिले में बेतहाशा गर्मी अब जानलेवा हो रही है। भीषण गर्मी में शुक्रवार को मतगणना स्थल स्थित स्ट्रांग रूप में तैनात एक दरोगा की अचानक तबीयत बिगड़ गई। उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। एक मुख्य आरक्षी की हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दरोगा की मौत की सूचना मिलते ही पुलिस अफसर जिला अस्पताल पहुंचे और प्रकरण की जानकारी ली।
भदोही जिले के औराई थाना क्षेत्र के कठारी गांव निवासी एवं उपनिरीक्षक हरिशंकर (58) पुत्र पंचम की तैनाती शहर से सटे मिल एरिया थाने में थी। मौजूदा समय में हरिशंकर की ड्यूटी मतगणना स्थल राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान गोरा बाजार में स्ट्रांग रूम में लगी थी। दोपहर बाद करीब तीन बजे अचानक हरिशंकर की हालत बिगड़ने लगी। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई। ड्यूटी पर तैनात अन्य पुलिस कर्मियों की मदद से हरिशंकर को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
घटना की जानकारी पर अपर पुलिस अधीक्षक नवीन कुमार सिंह, सीओ सदर अमित सिंह ने जिला अस्पताल पहुंचकर दरोगा की मौत के बारे में चिकित्सकों से जानकारी ली। सूचना पर उनका बड़ा बेटा योगेशचंद्र यहां पहुंचा। पिता की मौत से उसके आंसू नहीं थम रहे हैं। मृतक दरोगा अपने पीछे एक बेटा, दो बेटी, पत्नी को छोड़ गए है।
सीओ सदर का कहना है कि लू के चलते दरोगा की मौत की बात सामने आई है। फिलहाल, दरोगा के शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पोस्टमार्टम के बाद दरोगा की मौत की सही वजह सामने आएगी। उधर, सदर कोतवाली में तैनात मुख्य आरक्षी जसकरन सिंह की भी डयूटी स्ट्रांग रूम में लगाई गई थी। डयूटी के दौरान उसे उल्टी दस्त होने लगी। इस पर जसकरन को भी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लू के चलते जसकरन की भी हालत बिगड़ने की बात कही जा रही है। अब उनकी हालत में सुधार है।
हार्ट के मरीज थे दरोगा : डॉ. सलीम
जिला अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सलीम का कहना है कि दरोगा हार्ट के मरीज थे। इनकी मौत दोबारा अटैक से हुई या फिर लू से, इसकी जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी। दरोगा को जब जिला अस्पताल लाया गया था तो वह बेहोश थे।
उठ रहे सवाल, अफसर साधे चुप्पी
मतगणना स्थल पर मनमाने तरीके से लगाई गई डयूटी से एक दरोगा को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। दरोगा हरिशंकर की उम्र 59 वर्ष पूरी होने वाली थी। उसके सेवानिवृत्त में एक साल बचा था। वह हार्ट की समस्या से परेशान थे। उनका इलाज भी चल रहा था। सवाल इस बात को लेकर उठ रहे हैं कि हार्ट का मरीज होने के बाद भी हरिशंकर की ड्यूटी स्ट्रांग रूप में क्यों लगा दी गई। इसको लेकर पुलिस अफसर चुप्पी साधे हुए हैं।