जलवायु परिवर्तन (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : ANI
विस्तार
इस साल जलवायु परिवर्तन की घटनाओं से बिगड़ने वाले मौसम के चलते अब तक 2,500 लोगों की जान जा चुकी है और 41 बिलियन डॉलर (लगभग 3.43 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है। भारत में जारी प्रचंड गर्मी के बीच यह रिपोर्ट ब्रिटेन स्थित गैर सरकारी संगठन क्रिश्चियन एड ने जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले छह महीनों में खराब मौसम की ये घटनाएं संभावित रूप से जलवायु परिवर्तन के कारण हुई हैं। यह आकलन पिछले साल दिसंबर में दुबई में अंतरराष्ट्रीय जलवायु वार्ता (कॉप28) के बाद का है।
एनजीओ के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात में कॉप28 के बाद भी जीवाश्म ईंधन का त्याग करने और जलवायु आपदाओं से निपटने में गरीब देशों का समर्थन करने के लिए कोई खास प्रगति नहीं हुई है। जर्मनी के बॉन में सोमवार को जलवायु वार्ता के दूसरे सप्ताह में कहा कि ये संख्याएं दर्शाती हैं कि जलवायु संकट की लागत पहले से ही महसूस की जा रही है।
एनजीओ के एक पदाधिकारी क्रिश्चयन एड ने कहा, ग्रीनहाउस गैसों के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार धनी देश हैं जो वातावरण को गर्म कर रहे हैं, उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए और अन्य देशों को मौसम की चरम घटनाओं से निपटने और उबरने में मदद करने के लिए क्षति कोष में अपनी फंडिंग बढ़ानी चाहिए। कॉप28 में जलवायु परिवर्तन की घटनाओं के चलते गरीब देशों को होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए कोष गठित पर सहमति बनी थी।