प्रतीकात्मक तस्वीर
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पुलिस अब कैदियों को हथकड़ी लगा सकेगी और हथकड़ी में ही कोर्ट में पेश कर सकेगी। नए कानून लागू होने के बाद यह सब संभव हो सकेगा। अब किसी घटना की पीसीआर कॉल होने पर एक नहीं बल्कि तीन पुलिसकर्मी जाते हैं। ये तीनों पुलिसकमी पूरे माहौल को कवर करने के अलावा वीडियोग्राफी करते हैं। ऐसे में अब सबूतों के साथ न छेड़छाड़ हो सकेगी और न ही सबूतों को बदला जा सकेगा। इससे पीडितों को न्याय मिल सकेगा।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब पीसीआर कॉल होने पर तीन पुलिसकर्मी मौके पर भेजे जाते हैं। जांच अधिकारी हवलदार व उससे ऊपरी रेंक का पुलिस अधिकारी होता है। इसके बाद दूसरा पुलिसकर्मी आईओ किट वाला होता है। उसके पास आईओ जांच की पूरी किट होती है। इस किट में आपराधिक घटना के कवर या फिर काम आने वाले सभी उपकरण टेप, पेचकश, कैमरा समेत अन्य सामान होता है। इसके अलावा एक तीसरा पुलिसकर्मी भी होगा। यह पुलिसकर्मी वीडियोग्राफी बनाने व फोटो खींचने आदि में मदद करेगा।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार पहले पीसीआर कॉल पर एक ही पुलिसकर्मी चला जाता था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, घटना व अपराधी के बयानों की वीडियोग्राफी होगी, जो एक महत्वपूर्ण व पुख्ता सबूत होगा। साथ में मौके पर मौजूद लोगों के बयान भी दर्ज किए जा सकेंगे।
इन मामलों में हथकड़ी लगा सकेगी पुलिस
एक जुलाई से लागू किए गए तीन नए कानूनों को लाने का खास मकसद अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे आउटडेटेड नियम कायदों को हटाना और उनकी जगह आज की जरूरत के मुताबिक कानून लागू करना है। इसके अलावा पुलिस कुछ आरोपियों को हथकड़ी लगाकर भी गिरफ्तार कर सकती है।
नए कानूनों में किया गया है प्रावधान
सुप्रीम कोर्ट ने 1980 में प्रेम शंकर शुक्ला बनाम दिल्ली सरकार मामले में फैसला सुनाते हुए हथकड़ी के इस्तेमाल को अनुच्छेद 21 के तहत असंवैधानिक करार दिया था। अपने फैसले में कोर्ट ने कहा था कि यदि किसी कैदी को हथकड़ी लगाने की जरूरत महसूस होती है तो उसका कारण दर्ज करना होगा और मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी। अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 43 (3) में गिरफ्तारी या अदालत में पेश करते समय कैदी को हथकड़ी लगाने का प्रावधान किया गया है।
इन अपराधियों को लगाई जा सकती है हथकड़ी
- यदि कोई कैदी आदतन अपराधी है।
- या फिर पहले हिरासत से भाग चुका है।
- संगठित अपराध में शमिल रहा हो।
- आतंकवादी गतिविधि में शामिल रहा हो।
- मादक पदार्र्थों की तस्करी से जुड़ा हुआ हो।
- हथियार या गोला बारूद सप्लाई करता हो।
- हत्या, दुष्कर्म, एसिड अटैक।
- नकली करेंसी की सप्लाई में शामिल हो।
- मानव तस्करी में शामिल हो।
- बच्चों के खिलाफ यौन अपराध या फिर राज्य के खिलाफ अपराध में शामिल रहा हो।