वाराणसी में राजघाट स्थित मालवीय पुल।
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वाराणसी के राजघाट स्थित मालवीय पुल शहर में एक नया सुसाइड पॉइंट बन गया है। पिछले हफ्ते दो महिलाओं ने पुल से गंगा में कूद कर जान देने का प्रयास किया। हालांकि संयोग अच्छा था कि नीचे मछली पकड़ने के लिए मौजूद मल्लाहों ने उन्हें बचा लिया।
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वहीं, इस साल एक जनवरी से अब तक 19 महिला-पुरुष मालवीय पुल से गंगा में छलांग लगा चुके हैं। इनमें से सिर्फ सात लोग ही मल्लाहों की सक्रियता से बचाए जा सके और अन्य गंगा में समा गए।
वर्ष 1887 में तैयार हुए 1048.5 मीटर लंबे डबल डेकर मालवीय पुल के निचले डेक से ट्रेन गुजरती है। पुल के ऊपरी डेक पर सड़क बनी हुई है। यह ऐतिहासिक पुल इन दिनों आत्महत्या करने वालों के लिए हॉट स्पॉट सरीखा हो गया है।
कमिश्नरेट की जल पुलिस के आंकड़े के अनुसार वर्ष 2023 में मालवीय पुल से गंगा में 28 लोगों ने छलांग लगाई थी। इनमें से नौ लोग बचा लिए गए थे और अन्य गंगा में समा गए थे। इसके बावजूद इस ओर जिला प्रशासन के स्तर से गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
इससे पहले ऐसी ही स्थिति सामने घाट और रामनगर के बीच गंगा पर बने नए पुल की थी। प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए पुल की सड़क के दोनों तरफ जाली लगवा दी तो गंगा में कूद कर जान देने का सिलसिला थम गया। उधर, इस संबंध में जल पुलिस प्रभारी मिथिलेश यादव ने कहा कि स्थिति चिंताजनक है। मालवीय पुल से आत्महत्या का सिलसिला रोकने के लिए गंभीरता से उपाय की जरूरत है।