Kajari Teej 2024: साल में तीन बार तीज का त्योहार मनाया जाता है. सावन में हरियाली तीज (Hariyali teej) और भाद्रपद माह में हरतालिका तीज (Hartalika teej) और कजरी तीज आती है. तीज का पर्व सुहाग से जुड़ा है. भाद्रपदा माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज के नाम से जाना जाता है.
इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु, घर की खुशहाली, संतान सुख के लिए व्रत रखकर शिव-पार्वती (Shiv ji) और निमड़ी माता (Nimdi mata) की पूजा करती है. जानें 2024 में कजरी तीज की डेट, मुहूर्त और महत्व.
कजरी तीज 2024 डेट (Kajari Teej 2024 Date)
कजरी तीज 22 अगस्त 2024 को है. इसे कजलिया तीज (Kajalia teej) और सातुड़ी तीज (Satudi teej) के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है इस व्रत के प्रभाव से सुहागिनों को अखंड सौभाग्यवती और कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर पाने का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
कजरी तीज 2024 मुहूर्त (Kajari Teej 2024 Muhurat)
पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 21 अगस्त 2024 को शाम 05.06 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 22 अगस्त 2024 को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी.
- पूजा मुहूर्त – सुबह 05.54 – सुबह 07.32
- शाम का मुहूर्त – शाम 06.53 – रात 08.16
कजरी तीज क्यों मनाई जाती है ? (Kajari Teej Significance)
तीज का त्योहार पति और परिवार की खुशहाली से जुड़ा है. मान्यता है कि कजरी तीज का व्रत करने से पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन में खुशियां आती है. कहते हैं कि अगर किसी लड़की की शादी में देरी या किसी भी तरह की रुकावटें आ रही है तो इस व्रत को जरूर करना चाहिए.
कजरी तीज कैसे मनाई जाती है ?
कजरी तीज का व्रत सूर्योदय से शुरू होकर चंद्रोदय पर समाप्त होता है. पूरे दिन व्रत रखते हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद इसका पारण होता है. कजरी तीज के दिन जौ, गेहूं, चने और चावल के सत्तू में घी और मेवा मिलाकर तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं. शंकर-पार्वती के अलावा पूजा स्थल पर छोटा सा तालाब बनाकर नीमड़ी की पूजा की जाती है. इस दिन गाय को आटे की सात लोईयों पर गुड़ और घी रखकर खिलाना चाहिए.
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