05:49 PM, 18-Aug-2024
राखी पर भाई की तरक्की के लिए करें ये 3 उपाय
रक्षाबंधन पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन दोनों भाई-बहन को भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। इससे कार्यों में सफलता मिलती है। साथ ही तरक्की के योग बनते हैं। इस दौरान भाई की फिटकरी से नजर उतारें। इसके लिए सबसे पहले एक फिटकरी लें। उसे भाई के सिर से 7 बार उतारे। बाद में उस फिटकरी को घर से दूर किसी चौराहे पर फेंक दें। इससे नजर का प्रभाव कम होता है। राखी पर सावन का आखिरी सोमवार व्रत भी रखा जा रहा है। ऐसे में सभी बहनों को भाई की तरक्की और लंबी उम्र के लिए शिव जी की पूजा करनी चाहिए।
05:11 PM, 18-Aug-2024
Raksha Bandhan: रक्षाबंधन और अंतिम सावन सोमवार पूजा विधि
कल 19 अगस्त को रक्षाबंधन पर सावन सोमवार का व्रत भी रखा जा रहा है। ऐसे में सबसे पहले महादेव की पूजा करें। फिर शिवलिंग का गंगाजल और दूध से अभिषेक करें। इसके बाद बेलपत्र और गंगाजल चढ़ाएं। भगवान शिव को मिठाई और फल अर्पित करें। इस दौरान राखी का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से रात 9 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। ऐसे में मुहूर्त के अनुसार भाई को राखी बांधें।
04:49 PM, 18-Aug-2024
Raksha Bandhan Story: लक्ष्मी-राजा बलि की कथा
स्कंद पुराण, पद्मपुराण और श्रीमद्भागवत पुराण की कथा के अनुसार असुरराज दानवीर राजा बलि ने देवताओं से युद्ध करके स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था और ऐसे में उसका अहंकार चरम पर था। इसी अहंकार को चूर-चूर करने के लिए भगवान विष्णु ने अदिति के गर्भ से वामन अवतार लिया और ब्राह्मण के वेश में बलि के द्वार भिक्षा मांगने पहुंच गए।
चूंकि राज बलि महान दानवीर थे तो उन्होंने वचन दे दिया कि आप जो भी मांगोगे मैं वह दूंगा। भगवान ने बलि से भिक्षा में तीन पग भूमि मांग ली। बलि ने तत्काल हां कर दी। लेकिन तब भगवान वामन ने अपना विशालरूप प्रकट किया और दो पग में सारा आकाश, पाताल और धरती नाप लिया। फिर पूछा कि राजन अब बताइये कि तीसरा पग कहां रखूं? तब विष्णुभक्त राजा बलि ने कहा, भगवान आप मेरे सिर पर रख लीजिए और फिर भगवान ने राजा बलि को रसातल का राजा बनाकर अजर-अमर होने का वरदान दे दिया। लेकिन बलि ने इस वरदान के साथ ही अपनी भक्ति के बल पर भगवान से रात-दिन अपने सामने रहने का वचन भी ले लिया।
भगवान को वामनावतार के बाद पुन: लक्ष्मी के पास जाना था लेकिन भगवान ये वचन देकर फंस गए और वे वहीं रसातल में बलि की सेवा में रहने लगे। उधर, इस बात से माता लक्ष्मी चिंतित हो गई। ऐसे में नारदजी ने लक्ष्मीजी को एक उपाय बताया। तब लक्ष्मीजी ने राजा बली को राखी बांध अपना भाई बनाया और अपने पति को अपने साथ ले आईं। उस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि थी। तभी से यह रक्षा बंधन का त्योहार प्रचलन में हैं।
04:09 PM, 18-Aug-2024
Raksha Bandhan Story: इंद्र-इंद्राणी की कथा
शास्त्रों के अनुसार एक बार देव और असुरों में जब युद्ध शुरू हुआ, तब असुर, देवताओं पर भारी पड़ने लगे। ऐसे में देवताओं को हारता देख देवेंद्र इन्द्र घबराकर ऋषि बृहस्पति के पास गए। तब बृहस्पति के सुझाव पर इन्द्र की पत्नी इंद्राणी (शची) ने रेशम का एक धागा मंत्रों की शक्ति से पवित्र करके अपने पति के हाथ पर बांध दिया। संयोग से वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था। जिसके फलस्वरूप इंद्र विजयी हुए। कहते हैं कि तब से ही पत्नियां अपने पति की कलाई पर युद्ध में उनकी जीत के लिए राखी बांधने लगी।
03:29 PM, 18-Aug-2024
Raksha Bandhan 2024: भाई न होने पर बहनें किसे बांधें रक्षासूत्र
रक्षाबंधन बहन-भाई के स्नेह और प्यार का त्योहार माना गया है। जिन बहनों के अगर कोई भाई नहीं तो वे अपने पिता, इष्टदेव और घर पर लगे किसी पेड़-पौधे को रक्षासूत्र बांध सकती हैं।
03:13 PM, 18-Aug-2024
Raksha Bandhan 2024: जानें राखी बांधने का तरीका
सबसे पहले सुबह स्नान और पूजा पाठ करके राखी की तैयारियां करें, फिर बहन भगवान गणेश जी का ध्यान करते हुए भाई के माथे पर चंदन, कुमकुम और अक्षत का तिलक लगाएं। फिर भाई की दाहिनी कलाई पर रक्षा सूत्र बांधे। इसके बाद भाई को नारियल देते हुए मिठाई खिलाएं और दीपक जलाकर आरती करें। अंत में अपने इष्ट देवी या देवता का स्मरण करते हुए भाई की सुख-समृद्धि और सौभाग्य के लिए प्रार्थना करें।
02:49 PM, 18-Aug-2024
किसे कहते हैं भद्रा काल
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में किसी भी तरह का शुभ कार्य को करने में शुभ मुहूर्त का विचार अवश्य ही किया जाता है। शुभ योग और शुभ मुहूर्त में किया जाने वाला कार्य हमेशा ही सफल माना जाता है जबकि अशुभ मुहूर्त में किया जाने वाला कार्य का प्रभाव नकारात्मक होता है। ज्योतिष में तिथि, वार, ग्रह और नक्षत्रों के योग से अलग-अलग तरह के योग बनत हैं। शुभ योग में अभिजीत मुहूर्त, सर्वार्थसिद्ध योग, रवि योग , पुष्य योग आते हैं जबकि अशुभ योग में राहु काल और भद्रा काल आदि का विचार किया जाता है।
02:40 PM, 18-Aug-2024
रक्षाबंधन मंत्र
रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती हैं ऐसे में राखी बांधते समय इस मंत्र को जरूर पढ़ना चाहिए।
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:
02:21 PM, 18-Aug-2024
Raksha Bandhan 2024: रक्षाबंधन पर भद्रा और पंचक का साया, क्या पंचक में राखी बांध सकते हैं?
इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा और पंचक का साया रहेगा। शास्त्रों में भद्रा काल और पंचक में राखी बांधना शुभ नहीं होता है। जिस तरह से भद्रा में राखी बांधना वर्जित होता है उसी तरह से पंचक में भी भाई की कलाई पर राखी बांधने से बचना चाहिए।
02:06 PM, 18-Aug-2024
Raksha Bandhan 2024 What is Bhadra Kaal: क्या होता है भद्राकाल ?
गणना के अनुसार चंद्रमा जब कर्क राशि, सिंह राशि, कुंभ राशि या मीन राशि में होता है। तब भद्रा का वास पृथ्वी में निवास करके मनुष्यों को क्षति पहुंचाती है। वहीं मेष राशि, वृष राशि, मिथुन राशि और वृश्चिक राशि में जब चंद्रमा रहता है तब भद्रा स्वर्गलोक में रहती है एवं देवताओं के कार्यों में विघ्न डालती है। जब चंद्रमा कन्या राशि, तुला राशि, धनु राशि या मकर राशि में होता है तो भद्रा का वास पाताल लोक में माना गया है। भद्रा जिस लोक में रहती है वहीं प्रभावी रहती है।