दक्षिणी दिल्ली स्थिति निजी अस्पताल में 43 वर्षीय भाई मुकेश अत्याधिक कमजोरी, पेट में सूजन और बार-बार इंटरनल ब्लीडिंग से परेशान होकर आया था। मरीज की हालत काफी खराब थी। वह चलने में असमर्थ था। शरीर में कमजोरी बढ़ गई थी।
बहन ने किया भाई को लीवर दान
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रक्षाबंधन से पहले बहन ने अपने भाई को लीवर देकर उनकी जान बचाई। भाई लंबे समय से सिरोसिस से पीड़ित था। समस्या बढ़ने के बाद रोगी की जान बचाने के लिए अंग प्रत्यारोपण के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा। ऐसे में अंग देने में बहन आगे आई। प्रत्यारोपण के बाद मरीज और उनकी बहन स्वस्थ हैं।