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उन्होंने 1949 से 1965 तक भारत के सिनेमाघरों में कई नाटकों में अभिनय किया. जब उनकी उम्र 52 साल थी तो उन्होंने 1966 में बसु भट्टाचार्य की तीसरी कसम से फिल्म करियर की शुरुआत की. एके हंगल के लिए 1970 से 1990 के बीच का दौर काफी यादगार रहा. इस दौरान उन्होंने हीर रांझा, नमक हराम, शौकीन, शोले, आइना, अवतार, अर्जुन, आंधी, तपस्या, कोरा कागज और बावर्ची जैसी फिल्मों में अहम भूमिका निभाई.