Vishwakarma Puja 2024: 17 सितंबर को देश भर में विश्वकर्मा पूजा मनाया जाएगा. ब्रह्मांड के बेहतरीन वास्तुकार विश्वकर्मा जी की शुभ मुहूर्त में पूजा करने से मिलता है शुभ फल. भविष्यवक्ता और कुंडली विश्ल़ेषक डॉ. अनीष व्यास जी के द्वारा जनिए विश्वकर्मा पूजा को लेकर शुभ मुहूर्त, विधि-विधान, महत्व और फायदे.
रवि योग (Ravi Yog)
भविष्यवक्ता और कुंडली विश्लेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि इस बार की विश्वकर्मा पूजा रवि योग में है. 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा के दिन रवि योग सुबह 6:07 मिनट से प्रारंभ है, जो दोपहर 1:53 मिनट तक है.
विश्वकर्मा पूजा पर भद्रा का साया (Bhadra)
कुंडली विश्लेषक डॉ. अनीष व्यास ने बताया कि विश्वकर्मा पूजा (vishwakarma Puja) के दिन भद्रा का साया है. उस दिन भद्रा दिन में 11:44 मिनट से लग रही है. यह रात 9:55 मिनट तक रहेगी. इस भद्रा का वास पृथ्वी लोक पर है. धरती की भद्रा अशुभ प्रभाव वाली मानी जाती है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं करते हैं. ऐसे में आपको विश्वकर्मा पूजा भद्रा से पहले कर लेनी चाहिए.
राज पंचक (Panchak 2024)
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि विश्वकर्मा पूजा (vishwakarma Puja) के दिन राज पंचक लगा है. इस पंचक का प्रारंभ 1 दिन पहले यानी 16 सितंबर सोमवार से हो रहा है. सोमवार को शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है. राज पंचक शुभ फलदायी होता है.
विश्वकर्मा पूजा के फायदे (Benefits Of Vishwakarma)
कुंडली विश्लेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि विश्वकर्मा पूजा के दिन लोग अपनी दुकान, वाहन, मशीन, औजार, कलपुर्जे आदि की पूजा करते हैं.इस अवसर पर देवता के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है. उनके आशीर्वाद से बिजनेस में उन्नति होती है. पूरे साल भर काम अच्छे से चलता है. किसी भी प्रकार की कोई विघ्न बाधा नहीं आती है.
विश्वकर्मा पूजा का महत्व (Vishwakarma Puja Importance)
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि विश्वकर्मा पूजा न सिर्फ मजदूरों और कामगारों बल्कि हम सभी के लिए भी जरूरी मानी जाती है. आज के युग में हर व्यक्ति मोबाइल और लैपटॉप के बिना अपना काम नहीं कर पाता है. इसलिए ये भी एक प्रकार की मशीन हैं और इनका प्रयोग करने वाले सभी लोगों के लिए भी विश्वकर्मा पूजा का महत्व बहुत खास माना गया है. इसलिए विश्वकर्मा पूजा के दिन हम सभी को पूजा करनी चाहिए और साथ ही यह भी प्रार्थना करनी चाहिए कि हम जिस भी मशीन से जुड़ा काम करते हैं साल भर वह मशीन ठीक से सुचारू रूप से कार्य करें, ताकि हमारे रोजाना के काम में बाधा न आएं.
विश्वकर्मा पूजा विधि (Puja Vidhi)
भविष्यवक्ता और कुंडली विश्लेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह सबसे पहले मशीनों की खूब अच्छे से साफ-सफाई करें और उसके बाद इन मशीनों को ऑफ करके इनकी पूजा करें. भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या मूर्ति को मशीनों के पास में रखकर साथ में दोनों की पूजा करनी चाहिए. इस दिन मशीनों के साथ-साथ आपको अपने वाहनों की पूजा करनी चाहिए. इस दिन घर की सभी छोटी-बड़ी मशीनों की पूजा करनी चाहिए और साथ ही आपको भोग व प्रसाद भी इस दिन चढ़ाना चाहिए.
विश्वकर्मा पूजा के दिन आपको घर की बनी शुद्ध चीजों का ही भोग लगाना चाहिए. इनमें मोतीचूर के लड्डू, मीठी बूंदी, चावल की खीर या हलवे का भोग आप लगा सकते हैं. इस दिन कुछ स्थानों पर भंडारे का भी आयोजन किया जाता है. विश्वकर्मा पूजा के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को रोजाना में प्रयोग आने वाली वस्तुओं का दान भी करना चाहिए.
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