उद्धव ठाकरे (फाइल)
– फोटो : एएनआई
विस्तार
महाराष्ट्र की राजनीति में विपक्षी दलों का गठबंधन- महाविकास अघाड़ी (MVA) भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने का दावा कर रहा है। हाल ही में एमवीए सहयोगियों ने मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी को लेकर बयान दिए हैं। कई नेताओं का मानना है कि बिना चेहरे के चुनाव लड़ना चाहिए। ताजा घटनाक्रम में महाविकास अघाड़ी की सरकार में सीएम रहे उद्धव ठाकरे ने कहा, उन्हें मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा नहीं है। उन्होंने पिता बालासाहेब ठाकरे के दौर का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पिता ने कभी सत्ता की बागडोर नहीं सभाली, लेकिन उन्हें लोगों का समर्थन हासिल था। उद्धव ने कहा कि अपार जनसमर्थन के कारण उनसे शक्तियां छीन ली गईं।
उद्धव ठाकरे सीएम बनने की ख्वाहिश पर क्या बोले
अहमदनगर में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे राज्य सरकार के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा महाराष्ट्र की जनता उनकी ताकत है। उन्होंने कहा, ‘जब तक आप मेरा समर्थन नहीं करेंगे, तब तक कोई मुझे रिटायर नहीं कर सकता। पूर्व सहयोगी और वर्तमान में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए उद्धव ने कहा कि जिन लोगों ने अपनी मूल पार्टी और जनता को धोखा दिया, उनका भरोसा नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि वे महायुति (भाजपा+शिवसेना+एनसीपी) की सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं। 2019 में पहली बार सीएम बनने की घटना याद कर उद्धव ने कहा, उस समय भी वे मुख्यमंत्री बनना नहीं चाहते थे। जून, 2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद उद्धव को इस्तीफा देना पड़ा था।
मुख्यमंत्री के चेहरे पर क्या बोले शरद पवार
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने पिछले महीने एमवीए के घटक दलों- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और कांग्रेस से कहा था कि एमवीए को सीएम पद का चेहरा चुन लेना चाहिए। हालांकि, दोनों दलों की तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनावों में एमवीए को अपने सीएम पद प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं करना चाहिए। पवार ने कहा था कि सीएम का चेहरा उसी दल से होगा, जिसे गठबंधन में सबसे अधिक सीटें मिलेंगी।