लखनऊ। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एन.ई.पी.-2000) की सिफारिशों के अनुरूप सीआईएससीई ने अपने संबद्ध स्कूलों में वैश्विक मानकों के अनुरूप कॉम्पिटेन्सी बेस्ड शिक्षा को लागू करने के लिए नई पहल की हैं। इसी कड़ी में काउन्सिल फॉर द इण्डियन स्कूल सार्टिफिकेट एक्जामिनेशन्स (सी.आई.एस.सी.ई.) एवं आर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-आपरेशन एण्ड डेवलपमेन्ट (ओ.ई.सी.डी.) के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षकों के कौशल विकास हेतु पाँच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 21 से 25 अक्टूबर 2024 तक हैदराबाद में सीआईएससीई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में किया जा रहा है। यह कार्यशाला ‘एजूकेशनल मेजरमेन्ट एण्ड आइटम डेवलपमेन्ट’ थीम पर आयोजित की जा रही है, जिसमें सीएमएस के 12 वरिष्ठ शिक्षकों के साथ ही देश भर के प्रतिष्ठित विद्यालयों के 150 से अधिक माध्यमिक कक्षाओं के शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं। सम्मेलन का उद्घाटन सीआईएससीई के चीफ एक्जीक्यूटिव एवं सेक्रेटरी डा. जोसेफ इमैनुएल ने किया तथापि श्री नाथनियल रेनरस्टेन, एनालिस्ट, ओ.ई.सी.डी. डायरेक्टोस्टेट समेत कई प्रख्यात शिक्षाविदों ने अपने सारगर्भित संबोधन से 21वीं सदी की शिक्षा के अनुरूप शिक्षकों के कौशल विकास पर जोर दिया। कार्यशाला का संचालन ओईसीडी के शिक्षा और कौशल निदेशालय के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा किया जा रहा है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सीआईएससीई के चीफ एक्जीक्यूटिव एवं सेक्रेटरी डा.जोसेफ इमैनुएल ने कहा कि यह कार्यशाला सीआईएससीई के प्रणालीगत सुधारों के अनुरूप है, जो सीआईएससीई से सम्बद्ध विद्यालयों में शिक्षण, सीखने और मूल्यांकन की गुणवत्ता को बढ़ाने में महती भूमिका निभायेगी। उन्होंने आगे कहा कि सीआईएससीई का लक्ष्य भारत में शिक्षा और मूल्यांकन के मानकों को ऊंचा उठाना है। वास्तव में, शिक्षकों के कौशल विकास को समर्पित यह कार्यशाला छात्रों के उज्जवल भविष्य निर्माण का एक प्रयास है।
सीएमएस प्रबन्धक प्रो.गीता गाँधी किंगडन ने बताया कि हैदराबाद में चल रहे प्रशिक्षण के उपरान्त सीएमएस शिक्षक अपने छात्रों को पी.आई.एस.ए. टेस्ट (पीसा परीक्षण) के लिए और बेहतर ढंग से तैयार कर पायेंगे, जो कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर छात्रों के ज्ञान व कौशल का परीक्षण करता है।
विदित हो कि शिक्षकों की कौशल-निर्माण कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को साक्ष्य-आधारित शैक्षिक मापन की अवधारणाओं और विधियों का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है। यह पहल राष्ट्रीय स्तर पर सीआईएससीई-संबद्ध स्कूलों के हजारों छात्रों को लाभान्वित करने का एक प्रयास है, साथ ही सीआईएससीई की शिक्षा पद्धति में नवीनता को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है जिससे कि भारतीय छात्रों को अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विश्व स्तरीय मूल्यांकन प्राप्त हो सके।