सांकेतिक तस्वीर
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संयुक्त राज्य अमेरिका ने अवैध रूप से अमेरिका में रहने वाले भारतीय नागरिकों को वापस भारत भेजने के लिए एक चार्टर्ड फ्लाइट किराए पर ली है। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) ने शुक्रवार को कहा कि यह भारत सरकार के सहयोग से किया गया है। उन्होंने कहा कि चार्टर फ्लाइट 22 अक्तूबर को भारत भेजी गई थी। अमेरिका सरकार ने यह कदम आव्रजन कानूनों को लागू करने और अवैध प्रवेश को रोकने के लिए उठाया है।
होमलैंड सिक्योरिटी के उप सचिव क्रिस्टी ए. कैनेगलो ने कहा, ‘अमेरिका में रहने के लिए कानूनी आधार नहीं रखने वाले भारतीय नागरिकों को तुरंत निर्वासन का सामना करना पड़ेगा। साथ ही इच्छुक प्रवासियों को उन तस्करों के झूठ में नहीं फंसना चाहिए जो अन्यथा प्रचार करते हैं।’
कैनेगलो ने कहा कि डीएचएस अमेरिकी आव्रजन कानूनों को लागू करना जारी रखेगा। साथ ही वैध मार्गों के उपयोग को प्रोत्साहित करेगा। इसके अलावा, जो लोग कानूनी आधार के बिना अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें तेजी से वापस भेजेगा।
बाइडन ने सीमा घुसपैठ रोकने को 2024 में उद्घोषणा पर किए हस्ताक्षर
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने जून 2024 में मैक्सिको की सीमा से घुसपैठ रोकने के लिए एक उद्घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे। इसे प्रोक्लेमेशन ऑन सिक्योरिंग बॉर्डर कहा जाता है। राष्ट्रपति के इस निर्देश के साथ अंतरिम अंतिम नियम लागू हुआ, जिसके मदद से दक्षिण-पश्चिम सीमा पर घुसपैठ में 55 फीसदी की कमी आई है।
2024 में डीएचएस ने 160000 व्यक्तियों को भेजा वापस
बयान में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2024 में, डीएचएस ने 160000 से अधिक व्यक्तियों को वापस भेजा है, जिसमें भारत सहित 145 से अधिक देशों के लिए 495 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रत्यावर्तन उड़ाने संचालित कीं। कैनेगलो ने आगे कहा कि डीएचएस अमेरिका में रहने के लिए कानूनी आधार के बिना अपने नागरिकों के प्रत्यावर्तन को स्वीकार करने के लिए दुनिया भर में विदेशी सरकारों के साथ नियमित रूप से जुड़ा हुआ है।
यह प्रयास अमेरिकी सरकार की व्यापक रणनीति का हिस्सा
उन्होंने कहा कि यह प्रयास अमेरिकी सरकार की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो अवैध प्रवासन को कम करने, सुरक्षित और कानूनी प्रवासन को बढ़ावा देने के साथ ही मानव तस्करी और शोषण में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए है।
पिछले वर्ष डीएचएस ने इन देशों के लोगों को भेजा वापस
पिछले वर्ष के दौरान, डीएचएस ने दुनिया भर के कई देशों के लोगों को वापस भेज दिया है, जिसमें कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरू, मिस्र, मॉरिटानिया, सेनेगल, उज्बेकिस्तान, चीन और भारत शामिल हैं।