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राजधानी के हॉटस्पॉट जोन में प्रदूषण के कारकों की पहचान के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दिल्ली सरकार ने ड्रोन से मॉनिटरिंग कराई है। ड्रोन 120 मीटर की ऊंचाई से 200 मीटर की परिधि में प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों की जानकारी पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी को देगा। दिल्ली में 13 हॉट-स्पॉट पर प्रदूषण का स्तर सामान्य से ज्यादा होता है।
प्रदूषण के कारकों को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए शुक्रवार से सर्वे ऑफ इंडिया के एक सूचीबद्ध एजेंसी द्वारा वजीरपुर हॉटस्पॉट पर ड्रोन मैपिंग की गई। इसका उद्देश्य टेक्नोलॉजी के आधुनिकीकरण का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर प्रदूषण को दूर करने में किया जाएगा। पर्यावरण और डीपीसीसी के इंजीनियर इसका विश्लेषण कर रिपोर्ट के आधार पर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहता है, तो अन्य हॉट-स्पॉट पर भी इसे लागू किया जा सकता है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सर्दी के मौसम में होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 21 फोकस प्वाइंट पर आधारित विंटर एक्शन प्लान की सरकार द्वारा घोषणा की गई थी। इसके तहत प्रमुख पहलुओं में से एक ड्रोन तकनीक का उपयोग कर हॉटस्पॉट पर प्रदूषण की निगरानी करना है। उन्होंने कहा कि पहली बार इन हॉटस्पॉट पर पर्यावरण विभाग द्वारा ड्रोन से प्रदूषण की निगरानी के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ड्रोन मैपिंग की डेमोंस्ट्रेशन की गई।
सेंसर से लैस है ड्रोन
मंत्री गोपाल राय ने बताया कि वायु प्रदूषण स्रोतों की पहचान करने में ड्रोन मैपिंग तकनीक एक महत्वपूर्ण उपकरण है। सेंसर से लैस ड्रोन भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों, औद्योगिक और उन क्षेत्रों तक पहुंचने में सक्षम हैं, जहां पारंपरिक तरीकों से निगरानी करना मुश्किल है। ड्रोन की तैनाती प्रदूषकों के फैलाव को बेहतर ढंग से समझने और नियमों का उल्लंघन करने वाले अनधिकृत औद्योगिक संचालन या निर्माण स्थलों जैसे महत्वपूर्ण हॉटस्पॉट की पहचान करने में सक्षम बनाती है।
13 समन्वय टीम गठित
मंत्री गोपाल राय ने बताया कि ड्रोन से प्रदूषण के स्रोतों जैसे खुले में आग जलाने, अनियमित निर्माण गतिविधियों, यातायात जाम का तुरंत पता लगा सकते हैं। ऐसे में एजेंसी सुधारात्मक उपाय लागू कर सकती हैं। राय ने कहा कि 13 हॉटस्पॉट के लिए बने अलग-अलग एक्शन प्लान के आधार पर काम किया जा रहा है। सरकार ने इसके लिए 13 समन्वय टीम बनाई हैं। धूल प्रदूषण कम करने के लिए हॉटस्पॉट वाले इलाकों में 80 मोबाइल एंटी स्मॉग गन लगाए गए हैं। साथ ही, एमसीडी के डीसी को सभी संबंधित अधिकारी के साथ हॉटस्पॉट का लगातार दौरा करने का निर्देश दिया गया है।