Dev Diwali 2024: दिवाली (Diwali) के 15 दिन बाद देव दिवाली मनाई जाती है. दिवाली का पर्व कार्तिक अमावस्या (Kartik Amavasya) को होता है, वहीं देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन मनाई जाती है. इसे देवताओं की दीपावली भी कहते हैं.
इस साल 31 अक्टूबर 2024 को दिवाली का त्योहार मनाया गया. इसके ठीक 15 दिन बाद 15 नवंबर 2024 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाएगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है देव दिवाली, क्या है इसका कारण. जानिए देव दिवाली से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें-
देव दिवाली 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त (Dev Diwali 2024 Date)
- देव दिवाली तिथि- 15 नवंबर 2024
- कार्तिक पूर्णिमा आरंभ- 15 नवंबर 2024, सुबह 06:19 से
- कार्तिक पूर्णिमा समाप्त: 16 नवंबर 2024, देर रात 02:58 तक
- प्रदोष काल पूजा मुहूर्त: 15 नवंबर, शाम 5:10 से 07:47 तक
- पूजा की कुल अवधि: 2 घंटे 37 मिनट
कार्तिक पूर्णिमा को क्यों मनाते हैं देव दिवाली (Dev Diwali 2024 on Kartik Purnima)
कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाने के पीछे का कारण यह है कि इस तिथि को भगवान शिव (Lord Shiva) ने त्रिपुरासुर का वध किया था, जिस खुशी में देवताओं ने स्वर्ग में दीप जलाकर दिवाली मनाई थी. धार्मिक व पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रिपुरासुर राक्षस ने अपनी शक्ति से तीनों लोकों पर राज जमा लिया था और देवताओं पर भी अत्याचार करने शुरू कर दिए थे.
त्रिपुरासुर के अत्याचार से त्रस्त होकर सभी देवतागण शिव के पास पहुंचे. तब भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन त्रिपुरासुर (Tripurasur) का वध किया और देवताओं को उसके अत्याचार से मुक्त कराया. इसके बाद से कार्तिक पूर्णिमा के दिन से देव दिवाली मनाई जाती है.
देव दिवाली का महत्व (Dev Diwali Importance)
देव दिवाली को लेकर ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवी-देवता धरती पर आते हैं और गंगाघाट (Ganga Ghat) पर दिवाली मनाते हैं. इसलिए इस दिन दीप जलाने की परंपरा है. लोग इस शुभ दिन पर दीपदान (Deepdan) भी करते हैं. देव दिवाली पर वाराणसी में अद्भुत नजारा देखने को मिलता है.
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