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मुंबई साइबर क्राइम का अधिकारी बनकर ठग ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर अविनाश श्रीवास्तव को डिजिटल अरेस्ट कर 98 हजार रुपये वसूल लिए। जालसाज ने पार्सल में ड्रग्स होने की बात कहकर डराया था। पीड़ित ने तालकटोरा थाने में सोमवार को रिपोर्ट दर्ज कराई है।
राजाजीपुरम एफ ब्लॉक निवासी अविनाश श्रीवास्तव के मुताबिक 15 अगस्त को अंजान नंबर से कॉल आई थी। फोनकर्ता ने खुद को फेडक्स कूरियर कंपनी का कर्मी बताया। कहा कि तुम्हारे आधार कार्ड का इस्तेमाल कर पार्सल ताइवान भेजा जा रहा था, जिसे एयरपोर्ट पर कस्टम ने पकड़ा है। पार्सल में ड्रग्स है। उनके इन्कार करने पर उसने कहा कि आपकी कॉल मुंबई साइबर क्राइम में ट्रांसफर की जा रही है। फिर उसने फोन काट दिया।
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ठग ने बताया कि वह पुलिस अधिकारी है और पार्सल से संबंधी पूछताछ करनी है। यह सुनकर अविनाश घबरा गए। आरोपी ने पूछताछ के बहाने उन्हें एक घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा और बचाने का झांसा देकर 98 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए।
ये भी हो चुके डिजिटल अरेस्ट
– पीजीआई की डॉ. रुचिका टंडन से हुई थी 2.81 करोड़ की ठगी।
– हजरतगंज के अशोक मार्ग पर रहने वाले डॉ. पंकज रस्तोगी की पत्नी दीपा से वसूले थे 2.71करोड़।
– अलीगंज सेक्टर एच निवासी डॉ. अशोक सोलंकी को 36 घंटे डिजिटल अरेस्ट कर ठगे गए थे 48 हजार।
ऐसे बचें ठगों से
अगर आपके पास अंजान नंबर से काॅल आए तो सावधान हो जाएं। कॉल करने वाला शख्स यह कहता है कि आपके नाम से पार्सल बुक है। कस्टम विभाग ने पकड़ा है। केस दर्ज कर कर कार्रवाई की जा रही है। तो तुरंत डांट लगाते हुए कॉल काट दें। ये कॉल साइबर ठग की होती है।
यहां करें शिकायत
यदि आप ठगी का शिकार होते हैं तो साइबर क्राइम थाने, साइबर सेल, लोकल पुलिस स्टेशन, टोल फ्री नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in वेबसाइट के जरिये शिकायत दर्ज करा सकते हैं।