Premanand Ji Maharaj Anmol Vachan: प्रेमानंद जी महाराज एक महान संत और विचारक हैं जो जीवन का सच्चा अर्थ समझाते और बताते हैं. प्रेमानंद जी के अनमोल विचार जीवन को सुधारने और संतुलन बनाएं रखने में मार्गदर्शन करते हैं.
प्रेमानंद जी महाराज का मानना है कि संकल्प नहीं करना चाहिए, संकल्प क्यों करते हो, पता नहीं शाम तक जीवित रहें या ना रहें, भरोसा नहीं, संकल्प वो करें, जिसे कल का भरोसा हो. संकल्प जब लें तो पूरा करना चाहिए. संकल्प करें तो उसी कार्य में जाएं जिस कार्य के लिए संकल्प लिया है. हमें भगवान से यह प्रार्थना करना चाहिए कि हे प्रभु, अगर हमारा जीवन रहा या हमारा स्वास्थ्य ठीक रहा तो हम ऐसा कर लेंगे.
मनुष्य को अगले दिन का नहीं पता, या किसी को अगले पल का पता नहीं होता. प्रभु जैसे चलाते हैं हमारा जीवन चल रहा हैं. इसीलिए प्रार्थना जरुर करें. लेकिन भगवान से यह कह कर कभी कोई संकल्प ना करें, की हमारी यह कामना पूरी करें तो हम यह करेंगे. स्वार्थी नहीं बनना चाहिए. भगवान से मांग लो जो मांगना है लेकिन छूट दे दो. आपको प्रभु के सामने यह कहना चाहिए की मेरी यह कामना है प्रभु आपको उचित लगे तो दे देना, अगर उचित ना लगे तो लाख बार मांगू तो भी मत देना. भगवान से इस तरह से मांगना सही है.
भगवान की तीन प्रकार की लीला है. सृजन, पालन, संघार. तीनों लीलाएं होगी, जरुर होंगी. जो जन्मा है उसका शरीर छूटेगा. जो कर्म करें है तो वह भोगेंगे. भगवान से भजन से हम क्षमा याचना कर सकते हैं. अपने पुत्र के लिए, परिवार के कल्याण के लिए समाज के मंगल के लिए भगवान का नाम जप करें, भगवान से प्रार्थना करें, दूसरों को सुख पहुंचाएं धर्म पूर्वक आचरण करें, तो जरुर मंगल होगा. मां में बहुत सामर्थ्य है अगर मां चाहे तो तपस्या पूर्वक अपने बच्चे को अजर अमर बना सकती है. आप अपने पुत्र को अजर, अमर,अविनाशी बना सकते हैं भजन के प्रभाव से.
Premanand Ji Maharaj: मन में अच्छे विचार कैसे लाएं, जानें प्रेमानंद महाराज जी से उनके अनमोल वचन
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