Dayanand Saraswati Jayanti 2025: महर्षि दयानंद सरस्वती 19वीं सदी के समय के बहुत बड़े सामाजिक सुधारक और राष्ट्रीय दृष्टि से भारत के आजादी के आंदोलन में अपने जीवन की आहुति देने वाले महापुरुषों में से एक थे. स्वामी पूर्णानंद सरस्वती से संन्यास की दीक्षा ग्रहण करने के बाद इनका नाम दयानंद सरस्वती कहलाया. महर्षि दयानंद सरस्वती आर्य समाज के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं और इन्हीं से प्रेरित होकर बाद में बाल गंगाधर तिलक, राम प्रसाद बिस्मिल और चंद्रशेखर आजाद जैसे राष्ट्रभक्तों ने देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान दिया.
महर्षि सरस्वती जयंती क्यों मनाई जाती है
महर्षि सरस्वती का जिक्र हिंदू धर्म की कई प्रमुख पुस्तकों में मिलता है. महर्षि सरस्वती जयंती हर वर्ष दयानंद सरस्वती जी के सम्मान में मनाई जाती है. इसके अलावा इन्होंने शिक्षा प्रणाली में बदलाव भी किया था जिसके सहारे महिलाओं को शिक्षा और अन्य अधिकार मिले. इन्होंने उस समय पूरे भारत में अंग्रेजों द्वारा प्रचलित औपचारिक धारणाओं की भी आलोचना की. साथ ही दयानंद जी ने “सत्यार्थ प्रकाश” नामक ग्रंथ भी लिखा था जोकि आज भी प्रासंगिक है. समाज में वैदिक मूल्यों के पुनरुद्धार के लिए भी इन्होंने अहम योगदान दिया.
2025 में कब है महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती
पंचांग के अनुसार, महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को मनाई जाती है, जोकि इस साल 2025 में रविवार 25 फरवरी को है.
महर्षि सरस्वती जयंती के पर्व को मनाने का तरीका
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं. दयानंद जी की शिक्षाओं और नैतिकता से जुड़े उनके कामों को याद करते हैं. लोग आपस में दयानंद सरस्वती जयंती जी के मौके पर समारोह आयोजित करते हैं, जिससे अन्य लोगों को भी उनसे जुड़ी अच्छी बातें बता सके.
महर्षि दयानंद सरस्वती कौन थे
दयानंद सरस्वती का जन्म 1824 में गुजरात के टंकारा में करशनजी लालजी कापड़ी और यशोदाबाई के यहां हुआ था. यह एक स्व-शिक्षित व्यक्ति थे जिन्होंने बाल विवाह और सती प्रथा जैसी कुरीतियों को खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी.
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