AMAN-25 Naval Exercise: पाकिस्तान ने AMAN-25 नामक एक नौसैनिक अभ्यास का आयोजन किया है, जिसमें 60 देशों की नौसेनाएं हिस्सा ले रही हैं. हालांकि इस अभ्यास का मकसद समुद्री सहयोग बढ़ाना बताया जा रहा है, लेकिन असल में यह चीन की बढ़ती नौसैनिक शक्ति का प्रदर्शन है. पाकिस्तान की नौसेना अब लगभग पूरी तरह से चीन पर निर्भर है, और यह अभ्यास इस तथ्य की पुष्टि करता है.
पाकिस्तान की नौसेना अब चीनी उपकरणों और प्रौद्योगिकी पर निर्भर है. चाहे पनडुब्बियां हों या युद्धपोत, सब कुछ चीन से प्राप्त किया गया है. पाकिस्तान के पास मौजूद हंगर क्लास पनडुब्बियां और टाइप 054A/P फ्रिगेट्स, जो चीन ने बनाए हैं, यह दर्शाते हैं कि इस्लामाबाद की समुद्री शक्ति बीजिंग के समर्थन पर टिकी हुई है.
Pictorial highlights of the Pakistan Navy’s Chief of Naval Staff visiting Foreign ships during the AMAN 2025 multinational exercise. pic.twitter.com/7ArzumBjHh
— International Defence Analysis (@Defence_IDA) February 8, 2025
ग्वादर बंदरगाह पर चीनी नियंत्रण
ग्वादर बंदरगाह पर चीनी नौसेना की उपस्थिति भारत के लिए एक बड़ा खतरा है. ग्वादर का रणनीतिक महत्व चीन के लिए काफी महत्वपूर्ण है, और सैटेलाइट तस्वीरों से यह स्पष्ट हुआ है कि चीन ने इस क्षेत्र में अपना बुनियादी ढांचा विकसित कर लिया है. इससे यह संकेत मिलता है कि चीन अरब सागर में अपनी नौसैनिक उपस्थिति को और मजबूत कर रहा है.
ग्वादर बंदरगाह पर चीन की उपस्थिति से भारत को क्या खतरा है?
ग्वादर बंदरगाह पर चीन की स्थायी नौसैनिक उपस्थिति से भारत को सीधे खतरा है. भारत के पश्चिमी तट के पास चीनी नौसेना की मौजूदगी बीजिंग को भारतीय नौसेना की गतिविधियों पर नजर रखने का अवसर प्रदान करेगी. इसके अलावा, फारस की खाड़ी और अन्य महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों पर चीन का प्रभाव बढ़ेगा. हाल दिनों में पाकिस्तान अपनी नौसेना की ताकत बढ़ाने पर लगातार जोर दे रहा है, जिसकी वजह से भारत के लिए अलर्ट रहने की जरूरत पड़ चुकी है.