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बरेली मंडल के गन्ना किसानों की आमदनी को बाढ़ और बीमारी की वजह से इस बार 481 करोड़ से अधिक की चोट लगने का अंदेशा है। पेराई में चीनी मिलें बीते साल के आंकड़े को नहीं छू पा रही हैं। चीनी मिलों का चक्का आए दिन नो-केन (गन्ना उपलब्ध न होने पर) में रुक रहा है। इसलिए चीनी मिलों ने पेराई सत्र के समापन की तैयारी कर ली है। कई चीनी मिलों ने पेराई सत्र बंद करने के लिए तिथियां भी प्रस्तावित कर दी हैं।