<p style="text-align: justify;"><strong>Gaza News:</strong> अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दशकों पुराने पश्चिम एशिया संकट को हल करने के लिए एक योजना प्रस्तावित की है. इस प्रस्ताव में अमेरिका के गाजा पट्टी पर कब्जा करने और यहां रहने वाले या विस्थापित फिलिस्तीनियों को पड़ोसी देशों मिस्र और जॉर्डन में शरण लेने के लिए भेजने की बात शामिल है.</p>
<p style="text-align: justify;">इसके अलावा फिलिस्तीनियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को हो रही फंडिंग में कटौती करने के आदेश पर भी हस्ताक्षर किए हैं. उनके इस बयान का अब दुनियाभर में विरोध कर रहा है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कोलंबिया और ब्राजील ने जताया विरोध</strong></p>
<p style="text-align: justify;">कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने कहा कि अमेरिका अब तक का सबसे भयानक युद्ध छेड़ने वाला है, जो इस गलत धारणा पर आधारित है कि वे ईश्वर के चुने हुए लोग हैं. उन्होंने आगे कहा, "ईश्वर के लोग श्वेत अमेरिकी या इजरायली नहीं हैं. ईश्वर के लोग पूरी मानवता हैं." </p>
<p style="text-align: justify;">ब्राजील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा ने भी सवाल उठाया कि क्या अमेरिका गाजा के पुनर्निर्माण या प्रशासन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए सही देश है. उन्होंने कहा, "गाजा में जो हुआ वह नरसंहार था.ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं पता कि संयुक्त राज्य अमेरिका, जो इस सबका हिस्सा है, गाजा की निगरानी के लिए सही देश है या नहीं."</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सऊदी अरब ने कही ये बात</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सऊदी विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा था, "सऊदी अरब फिलिस्तीनी लोगों के वैध अधिकारों पर किसी भी तरह के उल्लंघन को दृढ़ता से अस्वीकार करता है. इसमें इज़रायली बस्तियों की नीतियों, फ़िलिस्तीनी भूमि पर कब्ज़ा करने और फ़िलिस्तीनी लोगों को उनकी मातृभूमि से विस्थापित करने के प्रयासों का विरोध शामिल है." </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जॉर्डन, तुर्किए और फिलिस्तीन भी विरोध में</strong></p>
<p style="text-align: justify;">सऊदी और UN के साथ जॉर्डन, तुर्किये और फिलिस्तीन ने भी ट्रंप के बयान का विरोध किया है. जॉर्डन ने कहा, "गाजा में जमीन हथियाने और फिलिस्तीनियों को उनकी जमीन से बेदखल करने के किसी भी प्रयास का विरोध होगा."</p>
<p style="text-align: justify;">वहीं, तुर्किये ने कहा कि फिलिस्तीनियों को गाजा से निकालने को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. गाजा के लोगों की सहमति के बिना कोई भी निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए. </p>
<p style="text-align: justify;">इसके अलावा फिलिस्तीन ने कहा कि फिलिस्तीनी लोगों को गाजा से बेदखल करना सरासर गैरकानूनी काम है. हमारा संघर्ष हमेशा जारी रहेगा.</p>
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