सोमवार को दंड की पत्रावली पर सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा कि यदि लोकसेवक अपने वरिष्ठ अधिकारी को जान से मारने की कोशिश कर रहा है तो वह जनता से कैसा व्यवहार करता होगा? पुलिसकर्मियों को ही देश के वरिष्ठ अधिकारियों व नेताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी जाती है। यहां दोषियों ने व्यवस्था के विपरीत कृत्य किया है। न्यायालय ने कहा कि चारों दोषी कार को पीछे कर भाग सकते थे, लेकिन उन्होंने दिनदहाड़े वरिष्ठ अधिकारी पर कार चढ़ाकर जान से मारने की कोशिश की। ऐसे दोषियों को कठोर दंड दिया जाना चाहिए।
दोषी रविंद्र रोता हुआ बोला- मैंने आपको खाटूश्याम के रूप में देखा है
न्यायालय में कड़ी सुरक्षा के बीच चारों दोषियों को पेश किया गया। न्यायाधीश के सामने पेश होने पर चारों दोषी रो-रोकर दया की भीख मांगते रहे। इनमें से एक दोषी न्यायाधीश से बोला कि मैंने आपको खाटूश्याम के रूप में देखा है। आपकी कृपा मुझ पर जरूर रहेगी। वहीं, न्यायालय कक्ष के बाहर दोषियों के परिजन भी आरोप लगाकर रोते रहे और हाईकोर्ट जाने की बात करते रहे। सोमवार को कोर्ट पहुंचे चारों दोषी न्यायालय पहुंचकर न्यायाधीश के समक्ष दया की भीख मांगने लगे। वहीं, उन्हें रोता देख परिजन भी रोने बिलखने लगे। इसकी वजह से न्यायालय के बाहर गमगीन माहौल हो गया।
भाई से वसूली करवाता था रविंद्र, एनकाउंटर में मारा गया था पिता
दोषी सिपाहियों में शामिल रविंद्र और उसका भाई धर्मेंद्र उस दौर में अवैध वसूली के लिए बदनाम रहे। रविंद्र वर्दी की धौंस देकर ट्रक वालों को रुकवाता था। इसके बाद उसका भाई धर्मंद्र उनसे अवैध वसूली करता था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक रविंद्र काफी समय से बरेली में तैनात था और नकटिया में किराये पर रहता था। उसने अपनी जैसी मानसिकता वाले यातायात पुलिसकर्मियों का गिरोह बना रखा था।