चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शुक्रवार को देश की सेना को विश्व स्तरीय सशस्त्र बल में बदलने के लिए नियमों में संशोधन करते हुए नए आदेश जारी किए, जिसमें अमेरिका के साथ बढ़ती प्रतिद्वंद्विता और ताइवान एवं अन्य पड़ोसियों के साथ तनाव के बीच युद्ध की तैयारी पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
शी (71) सत्तारूढ़ शक्तिशाली चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के प्रमुख और राष्ट्रपति होने के अलावा सेना का भी नेतृत्व करते हैं.
सरकारी समाचार एजेंसी ने कहा कि उन्होंने सेना के आंतरिक आदेश, आचार संहिता और सैन्य संरचना पर तीन नियमों को प्रकाशित करने के आदेशों पर हस्ताक्षर किए.
सेना में क्या बदलाव करने जा रहा चीन?
नियमों में संशोधन युद्ध की तैयारी को सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य के रूप में प्राथमिकता देता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सशस्त्र बलों को कानून द्वारा चलाने की रणनीति को पूरी तरह से लागू करते हुए, संशोधित नियमों का उद्देश्य युद्ध की तैयारी, प्रशिक्षण, संचालन और दैनिक जीवन में अधिक मानकीकृत व्यवस्था को बढ़ावा देना है.
इसमें कहा गया है कि सैन्य आचार संहिता में संशोधन नियमों को उत्कृष्ट बनाने, उल्लंघन करने वालों को दंडित करने और प्रासंगिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए नियमों को परिष्कृत करता है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठा रही जिनपिंग सरकार
साल 2012 में सत्ता में आने के बाद से, शी ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया है, जिसमें दो रक्षा मंत्रियों सहित 50 से अधिक शीर्ष सैन्य अधिकारियों को उल्लंघन के लिए दंडित किया गया.
वह केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के अध्यक्ष भी हैं, जो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए), नौसेना, वायु सेना और साथ ही कई अर्धसैनिक बलों की समग्र उच्च कमान है. संशोधित नियम एक अप्रैल से प्रभावी होंगे. ये देश की सेना को विश्व स्तरीय सशस्त्र बलों में पूरी तरह से बदलने के लिए बनाए गए हैं.